रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और नेता विधायकदल बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय मंत्री और रांची की महापौर आशा लकड़ा, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू और डॉ प्रदीप वर्मा भी शामिल थे. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज मॉब लिंचिंग का समर्थन नहीं करता है और न ही भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार की मॉब लिंचिंग का समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि शीत कालीन सत्र में झारखंड विधानसभा से पारित बिल असंवैधानिक, गैर कानूनी और झारखंड की परंपराओं और रीति रिवाज की व्यवस्था के खिलाफ है. यह बिल हेमंत सरकार की तुष्टीकरण नीति की पराकाष्ठा है.
सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं यदि वो कानून बनते है तो आम आदमी का जीवन राज्य में बुरी तरह प्रभावित होगा. इसके प्रावधान समुदाय विशेष को खुश करने और वोट बैंक को मजबूत करने के लिय किये गए हैं. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में मॉब को गलत ढंग से परिभाषित किया गया है. इस बिल के आधार पर यदि दो व्यक्ति भले वे पति पत्नी ही क्यों न हों, यदि किसी दुकानदार से सामान लेने से मना कर देते है, शिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं, पेयजल, परिवहन व्यवस्था की त्रुटियों पर सवाल खड़ा करते हुए उसका बहिष्कार करते हों, तो यह मॉब लिंचिंग माना जायेगा. उन्होंने कहा कि किसी को निवास से बाहर करना भी अवैध माना जायेगा. राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थानीय रीति रिवाजों के आधार पर कई फैसले लिए जाते है. इस बिल के अनुसार ऐसे दंडात्मक फैसले मॉब लिंचिंग माने जाएंगे. यह विधेयक लोक अदालत,पंचायती राज व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरह सामाजिक परंपराओं ,संस्थाओं पर कुठाराघात है और धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाला है.
रिपोर्ट : मदन सिंह