रांची : झारखंड में भाषा को लेकर जिला स्तरीय सूची राज्य सरकार ने जारी कर दिया है. सूची जारी करने के बाद बीजेपी ने पलटवार किया है. झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार आज भी भाषा के मुद्दों पर जनता को मूर्ख बना रही है. राज्य सरकार ने जेएसएससी के द्वारा राज्य स्तरीय परीक्षाओं से भोजपुरी, मगही, हिंदी, अंगिका आदि भाषाओं को हटाया था. अभी जेएसएससी ने जो 900+ पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है वह जिला स्तरीय नियुक्तियों के लिए है ना कि राज्य स्तरीय नियुक्तियों के लिए है.
प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य स्तरीय परीक्षाओं में यह भाषाएं आज भी मौजूद नहीं है. राज्य स्तरीय परीक्षाओं में आज भी मैथिली, अंगिका, भोजपुरी, मगही, मैथिली जैसी भाषाएं शामिल नहीं है. इन भाषाओं को बोलने वाले लोगों के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जब जिला स्तरीय से ये भाषा हटे ही नहीं थे तो क्यों कांग्रेस और जेएमएम के नेता अपनी पीठ थपथपा कर कह रहे हैं कि इन भाषाओं की वापसी हो गई. हमारा कहना है कि जो राज्य स्तरीय परीक्षाओं से जिन भाषाओं को हटाया गया आज भी उन भाषाओं को शामिल नहीं किया गया है. सिर्फ जिला स्तरीय में इन भाषाओं को शामिल किया गया है उनमें भी कुछ भाषा को छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस भाषा को जिला स्तरीय मान्यता दे सकते हैं उसे राज्य स्तरीय में क्यों नहीं दे सकते हैं. आज भी स्थिति यथावत है. राज्य सरकार के द्वारा जो विज्ञापन जारी किया गया है वो जिला स्तरीय है इसका राज्य स्तरीय से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील करते हुए कहा कि जैसे जिला स्तरीय परीक्षा में इन भाषाओं को शामिल किया है वैसे ही राज्य स्तरीय परिक्षाओं में भी इन सभी भाषाओं को शामिल करें.
रिपोर्ट: मदन सिंह