Breaking : कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश – डॉ. संदीप को सुरक्षा मुहैया कराए पुलिस, आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल पर है हमले का अंदेशा

R G Kar Hospital के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष

डिजीटल डेस्क : Breakingकलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश – डॉ. संदीप को सुरक्षा मुहैया कराए पुलिस, आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल पर है हमले का अंदेशा । मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर केस में सीबीआई के निशाने पर आए आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष एवं उनकी पत्नी और बेटे समेत पूरे परिवार के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने इस निर्देश को जारी करने के साथ ही वजह भी बताया कि डा. संदीप घोष मीडिया में लगातार अपने खिलाफ उछाली जा रही खबरों को लेकर आतंकित हैं कि उन पर या उनके परिवार पर कभी भी हमला हो सकता है।

डा. घोष ने हाईकोर्ट में अपने को एवं अपने परिवार को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराए जाने की गुहार की थी। हाईकोर्ट में राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि डा. संदीप घोष को बेलियाघाटा के थानेदार की देखरेख में लगातार सुरक्षा मुहैया भी कराई जा रही है। राज्य सरकार ने इसी क्रम में जोड़ा कि अब पहले भी चाकचौबंद कर दिया जाएगा।

हाईकोर्ट में बोले डॉ. संदीप – मीडिया में खिलाफत में छप रही खबरों से बना प्राणघातक हमले का खतरा

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ के समक्ष दाखिल अपनी याचिका में डा. संदीप घोष ने कहा कि मीडिया के मार्फत उनके खिलाफ मेडिकल छात्रा वाली घटना को लेकर लगातार जिस तरह बातें छप रही हैं उससे उनके खिलाफ लोगों में अकारण ही रोष व्याप्त होने का अंदेशा है।

डा. घोष ने स्पष्ट किया कि प्रकाशित हो रही खबरों में सच्चाई भले ही ना हो लेकिन उन खबरों से उनके खिलाफ जो माहौल बना है, उससे उन्हें खुद पर, पत्नी और बेटे पर प्राणघातक हमले की आशंका को बल मिला है। लिहाजा हाईकोर्ट से उन्हें राज्य या केंद्र सरकार के स्तर पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था की जाए।

इस पर राज्य सरकार की ओर से पीठ के सामने पेश अधिवक्ता ने बताया कि काफी पहले से ही डॉ. घोष के आवास के बाहर पुलिस पिकेट तैनात है और लगातार थानेदार स्तर पर लगातार उसकी मानीटरिंग भी की जा रही है।

इसके बाद न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने वाद को निस्तार करते हुए कहा कि राज्य सरकार डा. घोष को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराए ताकि वह या उनका परिवार असुरिक्षत महसूस न करे।

बुधवार को कोलकाता के साल्टलेक में सीबीआई दफ्तर वाले कांप्लेक्स के बाहर जुटी भीड़।
बुधवार को कोलकाता के साल्टलेक में सीबीआई दफ्तर वाले कांप्लेक्स के बाहर जुटी भीड़।

लगातार छठें दिन सीबीआई के समक्ष पूछताछ को पेश हुए डॉ. संदीप घोष

कोलकाता निर्भया कांड के रूप में देश और दुनिया में लगातार बीते 10 दिनों से भी ज्यादा समय से सुर्खियों में बने आरजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर केस में पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष बुधवार को लगतार छठें दिन सीबीआई के साल्टलेक स्थित सीजीओ कांप्लेक्स के दूसरी मंजिल पर बने पूछताछ कक्ष में हाजिर हुए तो कई सवाल लोगों के मन में कौंधे।

सीबीआई की कार्य प्रणाली को जानने वालों का मामना है कि कुछ न कुछ तो पूरे मामले में अहम सुराग पूर्व प्रिंसिपल के बारे मे इस घटना को लेकर सीबीआई के हाथ लग चुका है जिसकी लगातार डा. संदीप की ओर से सफाई दी जा रही है। मंगलवार को लगातार पांच दिन की पूछताछ पूरी होने के बाद  डॉ. संदीप के जवाबों से सीबीआई असंतुष्ट रही।

छठें दिन पूछताछ में फिर अपनी सफाई के पक्ष में दस्तावेजी साक्ष्य लेकर पूर्व प्रिंसिपल हाजिर हुए हैं लेकिन इस बार तेजतर्रार महिला सीबीआई अधिकारी सीमा पाहुजा भी पूछताछ वाली टीम में हैं। लोगों का मानना है कि जल्द ही चौंकाने वाली कार्रवाई भी सीबीआई की ओर से हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को ही पूरे मामले में अब तक की जानकारी मांगी है।

डॉ. संदीप के एक हजार पन्ने वाले काले चिट्ठे की सीबीआई को मिली भनक !

इसी बीच एक साल पहले इसी आरजी कर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द किए गए एक हजार पेजों वाले दस्तावेज की चर्चा काफी जोरों पर है। बताया जा रहा है कि कहीं न कहीं उसकी भनक सीबीआई को भी लगी है या उस दस्तावेज में दर्ज ब्योरे सीबीआई को हाथ लग चुके हैं और उसी कारण पूर्व प्रिंसिपल से जारी पूछताछ तनिक लंबी खिंच गई है।

बताया जाता है कि उसी दस्तावेज में एक स्थान पर सीधे तौर पर डॉ. संदीप घोष के बारे में खुलकर लिखा है कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में में गुंडों का एक गैंग संचालित करते हैं जो बड़े स्तर पर कटमनी के धंधे वाला भ्रष्टाचार करने के साथ ही जबरन वसूली का भी अवैध धंधा चला रहा है।

इसी क्रम में यह भी बात सामने आई है कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में इतनी रसूख वाला हो गया था कि अलग-अलग कारणों से 3 बार जारी हुआ अपना ट्रांसफर आदेश रुकवा दिया था।

आरजी कर परिसर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में भी उसकी तूती बोलती थी। उसके रसूख का आलम यह था कि उसकी जुबान से निकली बात ही आरजी कर परिसर में कानून माना जाता था और उसकी बात को टालने का कोई हिम्मत नहीं जुटाता था।

राज्य सरकार की एसआईटी के डॉ. संदीप के खिलाफ शुरू जांच पर उठी उंगली

मेडिकल छात्रा के घटी घटना के उजागर होने और तूल पकड़ने के कई दिनों बाद जब पूरा मामला हाथों से बाहर निकल गया तब जाकर डॉ.संदीप घोष के खिलाफ आर्थिक मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया गया है।

आरोप लग रहे हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी सरकार और संगठन की साख बचाने को डॉ. संदीप से जुड़े कई तथ्यों को गोलमोल कर उसके खिलाफ कार्रवाई का ढोंग कर रही हैं। हालांकि इस बारे में न तो सत्ता पक्ष और ना ही विपक्ष के लोग ही खुलकर अधिकृत तौर पर कुछ कह रहे हैं।

सभी को सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को पेश होने वाली सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर है। इस बीच एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स वेस्ट बंगाल (एएचएसडीडब्ल्यूबी) के महासचिव और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. उत्पल बंधोपाध्याय ने इस बारे में बताया है कि एक साल पहले आरजी कर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने एक हजार पेजों का एक दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग को जमा किया था।

उसी दस्तावेज में आरोप था कि आरजी कर मेडिकल में गुंडों का एक गैंग है जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कर रहा है और जबरन वसूली का धंधा चला रहा है। उसी दस्तावेज में लिखा था कि यह गिरोह पार्किंग वालों से वसूली करता है और आसपास दुकानों से जबरन वसूली करता है।

अस्पताल के कचरे में भ्रष्टाचार होता है। दवाओं की खरीद-फरोख्त में जबरन वसूली की जाती है। अस्पताल में गुंडा गैंग का राज चलता था। अस्पताल का कोई भी व्यक्ति इनके डर से मुंह नहीं खोल पाता था।

बुधवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल से स्वास्थ्य भवन की ओर निकला जनियर डॉक्टरों का प्रतिवाद जुलूस
बुधवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल से स्वास्थ्य भवन की ओर निकला जनियर डॉक्टरों का प्रतिवाद जुलूस

केवल आरजी कर नहीं पूरे बंगाल में डॉ. संदीप के गैंग का चलता था सिक्का !

डॉ. उत्पल बंध्योपाध्याय ने बताया कि आरजी कर  गुंडा गैंग पर आरोप है कि वे तय करते थे कि किस विद्यार्थी को पास करना है और किसे फेल करना है। इसके बाद गैंग के सदस्य पैसे लेकर फेल को पास करते थे।

अगर इसमें कोई सीनियर डॉक्टर उनकी बात नहीं मानता था तो पहले उसे धमकाया जाता और फिर उसको दूर-दराज के क्षेत्र में ट्रांसफर करने की धमकी दी जाती। फिर फेल विद्यार्थी को पास करने के लिए गिरोह के सदस्य पैसे लेते थे। ऐसा माहौल आरजी कर अस्पताल में पिछले कुछ वर्षों से जारी है।

डॉ. संदीप घोष के कार्यकाल में यह तेजी से फला-फूला।  डॉ. बंदोपाध्याय ने कहा कि आरजी कर कॉलेज में जो यह घटना घटी है,  वह इस कॉलेज के लिए कोई अनोखी घटना नहीं है। गुंडों का गैंग जो कुछ आज तक वहां करता आ रहा था, यह उसका नतीजा है।

यही नहीं, गैंग केवल आरजी कर मेडिकल कॉलेज तक ही सीमित नहीं है। गैंग पर आरोप है कि इसके भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का दायरा पूरे प्रदेश में है।

गैंग पर पश्चिम बंगाल के सारे मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट अस्पताल, मेडिकल काउंसिल, पश्चिम बंगाल मेडिकल रेगुलेटिरी कमीशन समेत सभी प्रतिष्ठानों में भ्रष्टाचार करने, दादागिरी करने और जबरन वसूली का आरोप है। परीक्षा को लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप भी गैंग पर बार-बार लगा है।

एएचएसडीडब्ल्यूबी महासचिव ने डॉ. संदीप की भूमिका पर उठाए सवाल

एएचएसडीडब्ल्यूबी महासचिव डॉ. उत्पल बंधोपाध्याय आगे कहते हैं कि डा. संदीप का पूरा ब्योरा राज्य सरकार के पास साल भर से जमा पड़ा है और सभी को कारस्तानी पता है। इसी क्रम में  पिछले साल कौन था आरजी कर मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल? डॉ. संदीप घोष। वे पिछले कई वर्षों से कॉलेज के प्रिंसिपल हैं।

इन सबमें संदीप घोष का रोल क्या है? डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने राज्य सरकार को सौंपे एक हजार पेज के दस्तावेज सब बता दिया था। इसी क्रम में डॉ. उत्पल आगे कहते हैं कि आखिर मौजूदा घटना के साथ डॉ.संदीप वाले गैंग का क्या संबध है ?

गौर करिए कि जिस दिन यह घटना घटी, उस दिन क्या-क्या हुआ ? कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी पूछा था कि घटना के बाद संदीप घोष ने मामला दर्ज क्यों नहीं कराया? हाईकोर्ट के इस टिप्पणी के बड़े गूढ अर्थ हैं कि संदीप घोष ने पीड़ितों का सहयोग नहीं किया, पीड़िता के माता-पिता के साथ सही व्यवहार नहीं किया है।

Share with family and friends: