पटना: बिहार में पुल गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले 20 दिनों में बिहार में कुल नौ पुल धरासायी हो गया। पुल गिरने के सिलसिला की वजह से विपक्ष लगातार हमलावर बनी हुई है और सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। इसी कड़ी में अब जदयू ने भी विपक्ष पर पलटवार किया और तेजस्वी पर अनदेखी का आरोप लगाया है। मामले को लेकर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार में पुलों के मेंटेनेंस की पालिसी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी विभाग को निर्देश दिया है।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी पुलों की स्थिति का जायजा लेने कर मेंटेनेंस करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री सेतु योजना बंद हो गई थी एक बार फिर वह शुरू की जाएगी। उन्होंने पुल गिरने के मामले में बताया कि कई जगहों पर नदी ने अपना रास्ता बदल दिया तो कई जगहों पर शटरिंग गिरने की वजह से घटना घटी है। जो भी ठेकेदार काम कर रही है उसपर सरकारी धन का दुरूपयोग करने का मामला दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने तेजस्वी यादव को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यह विभाग राजद के पास था और तेजस्वी यादव विभाग के मंत्री थे। जदयू के पास जब यह विभाग आया तो चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गया जिसकी वजह से हम लोग कुछ कर नहीं सके। अशोक छुआधरि ने कहा कि आचार संहिता 8 जून तक लागू रहा और 22 दिनों बाद पुल गिरने लगा। अगर देखा जाए तो करीब डेढ़ वर्षों तक यह विभाग तेजस्वी यादव के पास था तो उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या किया यह बताना चाहिए।
उन्हें अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए लेकिन वे भाग रहे हैं और सिर्फ आरोप लगा रहे हैं। पुलों के गिरने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक की है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी पुलों की स्ट्रेंथ की जांच की जाएगी और पुल का निरीक्षण कर उचित मेंटेनेंस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में बना है जो कि प्रभुनाथ सिंह के सांसद निधि से बना था, तेजस्वी जब मंत्री थे तो उन्हें मेंटेनेंस करवाना चाहिए था जो उन्होंने नहीं करवाया और आज बयानबाजी कर रहे हैं।
पटना से अविनाश सिंह की रिपोर्ट
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