हजारीबाग. जिले का लाल बीएसएफ जवान सुभाष कुमार का इन्दौर में बटालियन में प्रशिक्षण के दौरान संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई। वह सदर प्रखण्ड स्थित ग्राम पंचायत ओरिया के रहने वाले थे। जानकारी अनुसार बीते सप्ताह शुक्रवार से ही इन्दौर में एसटीसी बीएसएफ कैंप में प्रशिक्षण स्थान से सुभाष कुमार लापता था एवं उनकी खोजबीन की प्रक्रिया जारी थी।
लापता की खबर पाकर परिजन काफी परेशान थे एवं सुभाष कुमार के बडे भाई सहित संबंधी इन्दौर खोजबीन के लिए वहां पहुंचे। अचानक सोमवार को कैंप स्थित कुंआ से सुभाष कुमार का शव संदेहास्पद स्थिति में मिला। उनकी मौत की सूचना जैसे ही घर में पहुंची तो परिवार एवं पूरे गांव में मातम छा गया।
इन्दौर के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद बीएसएफ के जवानों ने सुभाष कुमार के पार्थिव शरीर को सलामी दी एवं पुष्प अर्पित कर पैतृक स्थान के लिए विदाई दी। फिर वहां से उनका पार्थिव शरीर बीएसएफ मेरू कैंप लाया गया। बुधवार की अहले सुबह ग्रामीणों की पहल से तिरंगा यात्रा निकाला गया। पार्थिव शरीर बीएसएफ मेरू कैंप से ससम्मान प्रभु चौक निवास स्थान लाया गया। इस दौरान वीर जवान अमर रहें, वंदेमातरम्, जय हिंद एवं जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक सुभाष तेरा नाम रहने का जमकर नारा लगाया गया।
जवान सुभाष कुमार का पार्थिव शरीर देख समस्त ओरिया पंचायत वासियों की आंखें नम हो गई। जवान सुभाष कुमार की शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल होकर वीर जवान अमर रहें, वंदेमातरम्, जय हिंद एवं जब तक सूरज चाँद रहेगा तब तक सुभाष तेरा नाम रहने का जमकर नारा लगाया गया। शवयात्रा प्रभु चौक स्थित निवास स्थान से लुब्धी मुक्ति धाम शमशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। वहां बीएसएफ के जवानों ने तीन तोपों की सलामी देकर अंतिम विदाई दी।
इस दौरान हिन्दू रीति रिवाज अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। जवान सुभाष कुमार को मुखाग्नि उनके पिता होरिल साव ने दिया तथा लुब्धी मुक्ति धाम शमशान घाट में पंचतत्व में विलीन हुए। स्थानीय ग्रामीणों ने बीएसएफ के जवान एवं सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग की।
शशांक शेखर की रिपोर्ट