गया: बिहार के ऐतिहासिक बोधगया के कालचक्र मैदान में बौद्ध महोत्सव (Buddhist Festival) 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। दीप प्रज्वलन के साथ बिहार के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उनके साथ सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार, विधायक मंजू अग्रवाल, जिला परिषद अध्यक्ष नैना देवी, डिप्टी मेयर चिंता देवी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि बौद्ध महोत्सव में पहली बार शामिल होने का अवसर मिला। पर्यटन विभाग बिहार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने के लिए लगातार काम कर रहा है। गया न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। ईको टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास हो रहे हैं, जिससे बिहार के पर्यटन स्थलों को विश्व पटल पर नई पहचान मिले।
उन्होंने बताया कि डोभी में राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र तैयार हो रहा है। वहीं, गया एयरपोर्ट का विस्तार और विष्णुपद-बोधगया कॉरिडोर का निर्माण पर्यटन विकास के महत्वपूर्ण कदम हैं। बोधगया केवल एक सांस्कृतिक केंद्र नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता और संस्कृति को विश्व में प्रस्तुत करने का मंच है। अतिथि देवो भव की भावना के साथ यहां आने वाले पर्यटकों का स्वागत किया जाना चाहिए।
देश-विदेश के कलाकारों ने बांधा समां
बौद्ध महोत्सव के उद्घाटन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मच गई। बिहार गौरव गान की प्रस्तुति ने समारोह की शुरुआत को और भव्य बना दिया। स्थानीय कलाकारों ने ‘बंगला में उड़ेला गुलाल’ जैसे लोक गीतों से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस मौके पर वियतनाम और कम्बोडिया के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को और जीवंत बना दिया।
देशी-विदेशी कलाकारों के गीत, संगीत और नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बुद्ध की धरती पर प्रस्तुत इन कलाओं ने बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत किया। महोत्सव के दौरान कलाकारों ने अपनी कला के जरिए बिहार के गौरवशाली इतिहास को सजीव कर दिया।
बिहार की ब्रांडिंग और पर्यटन को नई उड़ान
मंत्री मिश्रा ने कहा कि पर्यटन का देश की अर्थव्यवस्था में 6.5% योगदान है, और इसे बढ़ाने की दिशा में बिहार सरकार ठोस कदम उठा रही है। बोधगया में आयोजित यह महोत्सव बिहार की ब्रांडिंग का प्रमुख माध्यम बनेगा,जो एक बार बोधगया आता है, उसके दिल में यह भूमि बस जाती है। बौद्ध महोत्सव ने यह दिखा दिया कि बिहार सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बना सकता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरित यह आयोजन बिहार को पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करता है।
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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट
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