बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती कर महिलाओं ने दिखलाई स्वावलम्बन की राह

Dhanbad-  कहावत है कि जहां चाह वहां राह. इसको सत्य कर दिखलाया है बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के जयनगर पंचायत में पुतुल टांडा की दो महिलाओं ने.

दरअसल इस गांव में सिंचाई को कोई साधन नहीं है, खेती पूर्ण रुप में प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर है. इसके कारण खेत विरान पड़ा रहता है, सिर्फ बरसात को देखते हुए परम्परागत खेती ही की जाती रही है. लेकिन महिला समूह से जुड़ी महिलाओं ने हार नहीं मानी और बंजर जमीन पर लेमन ग्रास की खेती कर अपनी आजीविका  मजबूत करने का इरादा जताया. इन महिलाओं के द्वारा अभी पांच एकड़़ जमीन पर लेमन ग्रास की खेती की जा रही है. इन महिलाओं के द्वारा आसपास के दर्जनों महिला और पुरुषों को भी रोजगार देने का काम किया जा रहा है, इसके साथ ही लेमन ग्रास से तेल बनाने के मशीन भी लगाई गई है.

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सुमन सिंह का कहना है कि झारखंड में काफी बंजर खेत है, जहां पर पानी की कमी के कारण  खेती नहीं की जाती है. सब्जियों की खेती करना तो और भी दुर्लभ  है. लेकिन लेमन ग्रास की की खेती कम पानी में भी किया जा सकता है. इसे जानवर भी नहीं खाता है.  यदि 1 से 5 एकड़ में खेती की जाती है तो प्रत्येक एकड़ सालाना एक लाख रुपया तेल बेच कर कमाया जा सकता है. आज कई कंपनियां है जो आप से इसकी खरीद करेंगे.  गांव की गरीबी देखकर  पहले सब्जी की खेती करने का विचार आया, लेकिन  आवारा पशुओं की वजह से  इसकी खेती नहीं की जा सकी. बाद में लेमन ग्रास की खेती करने का निर्णय लिया गया.

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लेमन ग्रास की खेती से करीबन डेढ़ दर्जन लोगों को रोजगार मिला है. खेत में तेल निकालने का काम भी शुरू कर दिया गया है. पूर्व के उपायुक्त ने भी सरकारी सुविधा के अनुसार बोरवेल और पाइप कनेक्शन मुहैया करवाया जिसके कारण खेती करने में आसानी हो रही है.

अपनी बंजर जमीन लेमन ग्रास की खेती कर इसे बेचा जा सकता है या फिर इसका तेल निकाल भी बेचा जा सकता है. तेल निकालने के लिए मशीन लगवाया गया है. इससे आय भी बढ़ेगा और महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा.

रिपोर्ट-राजकुमार जायसवाल

 

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