दरभंगा: बिहार में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य के विरोध में महागठबंधन की तरफ से बुधवार को बिहार बंद का आह्वान किया है। इससे पहले मंगलवार को दरभंगा में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सह राजद नेता मो अली अशरफ फातमी ने एक प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने लोगों से बिहार बंद में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव से फल एमतादाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में गड़बड़ी की जा रही अहि। यह कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित रखने की साजिश है जिसका सीधा फायदा जदयू-भाजपा और एनडीए को होगा।
अली अशरफ फातमी ने कहा कि महागठबंधन के द्वारा बिहार बंद का आह्वान जनता की आवाज है। बिहार के 10 या 20 लाख मतदाता नहीं बल्कि करोड़ों बिहारियों का सवाल है। उन्हें अपना विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि चुनने से रोका जा रहा है। भारत सरकार के दवाब में जो फैसले चुनाव आयोग ने लिया है वह अन्यायपूर्ण है। अली अशरफ फातमी ने सवाल करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन सभी लोगों ने वोट डाला, उनके वोट से आज केंद्र में उनकी सरकार है फिर उन्हें मतदाता होने के लिए साबित करने की जरूरत क्या है।
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अगर उनके हिसाब से ये वोटर फर्जी हैं तो फिर 2024 का लोकसभा चुनाव भी गलत ही होगा और ऐसे में केंद्र के सभी मंत्रियों और प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए और दुबारा से मतदान करवाना चाहिए। अभी के समय में मतदाता पुनरीक्षण करवाने का सीधा मतलब बिहार चुनाव में गलत तरीके से एनडीए को लाभ पहुंचाना है। अगर यह करना था तो फिर पूरे देश में होना चाहिए सिर्फ बिहार में ही क्यों। उन्होंने चुनाव के कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा किया और पूछा कि मात्र एक महीने में करोड़ों मतदाताओं का पुनरीक्षण कैसे संभव है।
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दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट