Desk. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को नीट पेपर लीक मामले के एक मास्टरमाइंड और सॉल्वर की भूमिका निभाने वाले दो एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया। मामले में गिरफ्तार किए गए दो सॉल्वरों की पहचान कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार के रूप में हुई है, जो भरतपुर मेडिकल कॉलेज के दोनों छात्र हैं।
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई का एक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तकनीकी निगरानी से पुष्टि हुई है कि दूसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र बिश्नोई और प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्र शर्मा नीट-यूजी परीक्षा के दिन हजारीबाग में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि बिश्नोई और शर्मा कथित तौर पर पंकज कुमार नामक इंजीनियर द्वारा चुराए गए पेपर के लिए सॉल्वर के रूप में काम कर रहे थे, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर (झारखंड) से 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य ने हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से कथित तौर पर NEET-UG का पेपर चुराया था। वहीं एनआईटी, जमशेदपुर से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) पासआउट शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासु कुमार और रॉकी के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिसे पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अब तक NEET-UG मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
शुक्रवार को सीबीआई ने रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा सुरभि कुमारी को सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई की टीम ने बुधवार को अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया और कहा कि वे सुरभि से नीट पेपर लीक के सिलसिले में पूछताछ करना चाहते हैं। प्रबंधन ने टीम को पूरा सहयोग दिया।
बता दें कि, शीर्ष अदालत पेपर लीक सहित मेडिकल प्रवेश परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं के बारे में कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। NEET-UG का आयोजन NTA द्वारा सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। इस साल परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे।