केंद्रीय मंत्री के साथ हुई जैन समाज की बैठक, कमेटी भी बनाई
झारखंड सरकार उठाए सभी आवश्यक कदम- भूपेंद्र यादव
नई दिल्ली/रांची : सम्मेद शिखरजी विवाद मामले पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जैन समुदाय की मांग पर केंद्र सरकार ने पर्यटन इकोटूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड सरकार सभी आवश्यक कदम उठाए. 2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई करे.
पारसनाथ क्षेत्र में शराब, मांस की बिक्री ना हो. धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाये रखनी होगी. राज्य सरकार समिति में जैन समुदाय के दो सदस्य को शामिल करे और स्थानीय जनजातीय समुदाय में से एक सदस्य हो. 2019 की अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों पर रोक लग गई है. इससे पहले गिरिडीह में जैन समुदाय के लोगों ने मौन जुलूस निकाला था.


सम्मेद शिखरजी: फैसले के बाद जैन समाज ने जताई खुशी
बता दें कि सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज लगातार प्रदर्शन कर रहे था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया. इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है.
जैन समुदाय की मांग पर केंद्र का बड़ा फैसला
- झारखंड सरकार सभी आवश्यक कदम उठाए- भूपेंद्र यादव
- पारसनाथ क्षेत्र में शराब, मांस की बिक्री ना हो- केंद्र
- ‘धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाये रखनी होगी’
- ‘2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई करे’
- 2019 की अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों पर रोक
- पर्यटन इकोटूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक
- पारसनाथ मामले पर केंद्र ने समिति बनाई
- राज्य सरकार समिति में जैन समुदाय के दो सदस्य को शामिल करे
- स्थानीय जनजातीय समुदाय से हो एक सदस्य
सम्मेद शिखरजी: देशभर में जैन समाज के लोग कर रहे थे आंदोलन
दरअसल पिछले लंबे समय से देशभर में जैन समाज के लोग आंदोलन कर रहे थे, उनकी मांग थी कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी में स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लिया जाए. क्योंकि वहां मांस और शराब की बिक्री होने लगी है. इसे लेकर जैन समाज के तमाम पदाधिकारियों ने पर्यटन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने जैन समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का खयाल रखा जाएगा.


जैन समाज ने खत्म किया आंदोलन
पारसनाथ मामले में केंद्र सरकार ने समिति बनाई है. इसे लेकर कहा गया है कि राज्य सरकार समिति में जैन समुदाय से दो सदस्य शामिल करें. स्थानीय जनजातीय समुदाय से भी एक सदस्य शामिल करें.
कहा गया है कि 2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई करे. पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. इस फैसले के बाद जैन समाज का आंदोलन खत्म हो गया है. पालीताना जैन तीर्थ के प्रमुख ने कहा कि आज भूपेंद्र यादव जी से मुलाकात हुई, उसके बाद सभी समस्याओं का समाधान हो गया है. जो हमारी मांग थी उसे मान लिया गया है.
सम्मेद शिखरजी: जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल साल 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था. इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी. जिसके बाद फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया.
इस दौरान पर्यटन स्थल के आसपास शराब और मांस की दुकाने खोलने की भी इजाजत दे दी गई, जिसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ और जैन समाज ने आंदोलन खड़ा कर दिया. बता दें कि सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का एक पवित्र स्थल है.
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