अतिक्रमण की भेंट चढ़ा सम्राट अशोक का शिलालेख

Rohtas-जिला मुख्यालय सासाराम से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर चंदन शहीद पहाड़ी पर ब्राम्ही लिपी में लिखा गया सम्राट अशोक का शिलालेख अतिक्रमण का शिकार है.

बतलाया जा रहा है कि इस शिलालेख को करीबन 2300 वर्ष पूर्व सम्राट अशोक ने अपने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के दौरान लिखवाया था.

चंदन शहीद पहाड़ी स्थित है सम्राट अशोक का शिलालेख

स्थानीय बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा कई बार

 जिला प्रशासन से संरक्षण की गुहार लगायी गयी है.

लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कोई कार्रवाई नहीं हुई.

इसके कारण सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों में निराशा है.

पर्यटकों को भी नहीं है इसकी जानकारी

उनका कहना है कि इसकी उपेक्षा का आलम यह है कि

पर्यटकों को भी इस बात की जानकारी नहीं है.

जानकारी के अभाव में वह इसका दर्शन नहीं कर पाते.

इतिहासकार प्रोफेसर श्यामसुंदर तिवारी बताते हैं कि

सम्राट अशोक का 2300 वर्ष पुराना लघु शिलालेख पाया गया है.

लेकिन मौजूदा समय में यह शिलालेख अतिक्रमण का शिकार हो गया है.

इसके रख रखाव को लेकर कोई समूचित व्यवस्था नहीं की जा रही है.

यदि समय रहते प्रशासन नहीं जाता और इसके संरक्षण की कोशिश नहीं की गयी तो

एक एतिहासिक धरोहर हम लोगों से बीच से खत्म हो जाएगा.

वैसे तो इसक कई हिस्से समाप्त हो चुके हैं, लेकिन अभी भी इसे बचाया जा सकता है, इसकी कोशिश की जा सकती है.

अतिक्रमण मुक्त हो सम्राट अशोक का शिलालेख- सम्राट

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