गिरिडीह. राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन रविवार को जैन समुदाय के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन पहुंचे और मधुबन मकर संक्रांति मेला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर पीरटांड़ वासियों को सिंचाई प्रोजेक्ट की सौगात देते हुए 639 करोड़ के मेगा पाइप लाइन सिंचाई प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पीरटांड़ के 17 पंचायत के 165 गांवों को लाभ होगा। हेलिकॉप्टर से सीएम चंपाई सोरेन व मंत्री बसंत सोरेन का मधुबन पहुंचने पर जहां सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी दीपक कुमार शर्मा सहित अन्य ने स्वागत किया। वहीं सीआरपीएफ कैम्प में गिरिडीह पुलिस ने मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
मधुबन पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री सबसे पहले मधुबन के सम्मेद शिखर पारसनाथ पहाड़ के तलहटी से करीब एक किलोमीटर ऊपर आदिवासी समुदाय के सर्वोच्च पूजा स्थल मरांगबुरू मांझी थान में पूजा अर्चना करने पहुंचे। मांझीथान में उन्होंने पूरे विधि विधान के पूजा किया और मत्था टेका। इस दौरान सीएम ने मांझी हड़ाम को सम्मानित भी किया। पूजा स्थल पर पुजारी सुधीर बाश्के, दिशोम मांझी थान के अध्यक्ष सह मुखिया महावीर मुर्मु और मांझी थान के सदस्य सिकंदर हेंब्रम समेत आदिवासी समुदाय के कई लोग मौजूद थे।
सीएम चंपाई सोरेन ने सिंचाई प्रोजेक्ट को किया शिलान्यास
शिलान्यास समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री बसंत सोरेन, सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। 639 करोड़ के मेगा पाइप लाइन सिंचाई प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य के अलग हुए 24 साल हो चुका है। उन्होंने कहा कि पीरटांड़ दिशोम गुरु का कार्यक्षेत्र रहा है, लेकिन झारखंड राज्य अलग होने के बाद सत्ता में आई भाजपा की सरकार के द्वारा इस इलाके का कोई विकास किया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग सिर्फ राज्य की जनता को गुमराह करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद पूरे राज्य में विकास की गंगा बहने लगी, जिससे घबराकर भाजपा के लोगों ने हेंमत सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से हेमंत बाबू झुठे केस में फंसाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मजदूरों का पलायन इसी इलाके से होता है, लेकिन अब इस परियोजना के आने से अब मजदूरो को पलायन नहीं होगा। वे खेतों में काम कर खुशहाल बनेंगे। सिंचाई की पूरी व्यवस्था होने से साल में तीन तीन फसलों का उत्पादन होगा और हर एक व्यक्ति आर्थिक रूप से संपन्न होंगे। सीएम ने केन्द्र सरकार पर झारखंड की जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि आवास योजना सहित अन्य योजनाओं में पक्षपात किया है, लेकिन हमारी सरकार अबुआ आवास से लेकर हर तरीके से रोजगार की व्यवस्था कर रही है।
जल संसाधन मंत्री बसंत सोरेन ने कहा कि पीरटांड़ उनके पिता दिशोम गुरु शिबु सोरेन की कर्मस्थली होने के कारण बचपन से ही यहां आने का मन रहा है। दिशोम गुरु इलाके में आश्रम चलाते थे जहां ग्रामीणों को शिक्षित करने के साथ ही अपने जल जंगल जमीन को बचाने के लिए प्रेरित किया जाता रहा है। उनका प्रयास इलाके के हर खेत को पानी देने का रहा और यही प्रयास पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी किया। इस परियोजना के आने से 17 पंचायत के 165 गांवों को फायदा होगा और इसका श्रेय सदर विधायक सुदिव्य सोनू को जाता है। क्योंकि उन्होंने ही इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने का काम किया है।
नमन नवनीत की रिपोर्ट