रांची : माइनिंग लीज मामले में निर्वाचन आयोग के नोटिस का सीएम हेमंत सोरेन ने जवाब दाखिल कर दिया है.
आज जवाब देने का आखिरी दिन था.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनगड़ा माइनिंग लीज मामले में जवाब दाखिल किया है.
भाजपा की शिकायत पर राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से
भारतीय संविधान की धारा 192 के तहत अयोग्य करार दिए जाने को लेकर राय मांगी थी.
उसी क्रम में आयोग ने सीएम को नोटिस दिया था.
नोटिस का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री ने 4 सप्ताह समय की मांग की थी,
लेकिन निर्वाचन आयोग ने 10 दिन का समय दिया था.
सीएम ने जवाब देने के लिए मांगा था समय
बता दें, चुनाव आयोग ने माइनिंग लीज मामले में हेमंत सोरेन को 10 मई तक जवाब देने के लिए कहा था. लेकिन, सीएम ने जवाब सब्मिट करने के लिए कुछ समय मांगा था, जिसके बाद चुनाव आयोग हेमंत सोरेन को 20 मई तक का समय दिया था. हेमंत सोरेन ने अपनी मां रूपी सोरेन के बीमार होने की बात कहते हुए चुनाव आयोग से समय मांगा था.
चुनाव आयोग ने खनन पट्टा मामले में मांगा था जवाब
चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा था कि उनके पक्ष में खनन पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जो आरपी अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन करती है. धारा 9ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है. आयोग उन्हें इन गंभीर आरोपों पर अपना रुख पेश करने के लिए एक न्यायोचित मौका देना चाहता है. उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 10 मई तक का समय दिया जाता है.
रघुवर दास ने किया था मामले को उजागर
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 फरवरी को इस मामले को उठाया था. उन्होंने सीएम पर पद का दुरुपयोग करते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान आवंटित करने का आरोप लगाया था. 11 फरवरी को रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि पूरा मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है. इसलिए मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए. इस शिकायत को राजभवन ने चुनाव आयोग को फॉरवर्ड कर दिया था. तब से यह मामला झारखंड की राजनीति में गरमाया हुआ है.
रिपोर्ट: मदन सिंहMining Lease Case- मामले की सुनवाई टली, अगले सप्ताह सुनवाई की संभावना