पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 903.57 करोड़ की लागत की पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के पुनर्विकास परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत नवनिर्मित भवनों सहित बिहार की 214 परियोजनाओं का लोकार्पण और 17 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। आज के कार्यक्रम में पीएमसीएच के पुनर्विकास परियोजना के अलावे मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट अनावरण कर 408.68 करोड़ रुपए की लागत से राज्य की 211 परियोजनाओं का लोकार्पण और 16 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पुनर्विकास परियोजना (फेज-1) के अंतर्गत केंद्रीय उपयोगिता खंड (सीयूबी) में अवस्थित बाह्य रोगी विभाग का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया और इसके पश्चात् नवनिर्मित भवन के विभिन्न भागों का निरीक्षण किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पुनर्विकास परियोजना फेज-1 के अंतर्गत 550 शैय्या के छात्रावास भवन का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया और नवनिर्मित छात्रावास भवन का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच के बहुमंजिली वाहन पार्किंग भवन का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री अपने वाहन से ही नवनिर्मित बहुमंजिली पार्किंग भवन के सबसे ऊपरी तल्ले पर गए और वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के इमरजेंसी वार्ड में गए और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच परिसर में 132/33 केवी ग्रीन जीआईएस ग्रिड उपकेंद्र का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया।
पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के पुनर्विकास परियोजना के द्वितीय चरण का निर्माण कार्य मार्च 2024 में प्रारंभ किया जा रहा है। तृतीय चरण का निर्माण कार्य भी जल्द ही शुरू किया जाएगा ताकि पुनर्विकास परियोजना को तेजी से पूरा किया जा सके। पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल राज्य का महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है। इसके गौरवशाली इतिहास को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इसे 5462 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है जिसकी कुल लागत लगभग 5540 करोड़ रुपये है। अस्पताल भवन की छत पर एयर एंबुलेंस हेतु हेलीपैड का प्रावधान किया गया है। इसे देश के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पुनर्विकसित परियोजना के तहत पीएमसीएच को आधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2005 में सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जा रही है। इलाज की बेहतर व्यवस्था कराई गई है जिससे सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का भरोसा बढ़ा है। आईजीआईएमएस पटना, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर एएनएमसीएच, गया और दरभंगा मेडिकल कॉलेज जैसे अस्पतालों का विस्तार कर विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (एपीएचसी) को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य के कई जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है ताकि लोगों को मजबूरी में इलाज के लिए अपने शहर से बाहर नहीं जाना पड़े। बिहार के कई जिलों में एएनएम और जीएनएम कॉलेज खोले गए हैं। राज्य सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सांसद रविशंकर प्रसाद, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, विधायक नितिन नवीन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव सह पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार, पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के निदेशक सुनील कुमार सहित अन्य चिकित्सकगण एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
विवेक रंजन की रिपोर्ट