CM ने मधुबनी जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें
मधुबनी: प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम स्थित मिथिला हाट में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में मधुबनी जिला के जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने मधुबनी जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना भत्ता, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसीन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज/परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और 1247 कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें 746 कब्रिस्तानों का काम लगभग पूरा हो गया है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसको
देखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना चलायी गयी। बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है। नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं, यह दृश्य काफी अच्छा लगता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। पीएमसीएच को 5400 बेड का वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया जा रहा है। आईजीआईएमएस का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है। यहां पर 3000 बेड की सुविधा होगी। हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया।
पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। जीविका दीदियों में काफी कॉन्फिडेंस आया है, अपनी बातों को वे अच्छे ढंग से रखती हैं। उनके रहन-सहन और जीवन शैली में काफी बदलाव आया है।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है, जिनमें अब तक 26 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा।
हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई है। हमलोगों ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मधुबनी जिले में विकास के कई कार्य किए गए हैं। यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आईटीआई, सभी अनुमंडलों में आईटीआई, जीएनएम संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास का निर्माण कराया गया है। मधुबनी में 515 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है। सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान संग्रहालय का निर्माण कराया गया है। वर्ष 2012 में सेवा यात्रा के दौरान हमने इसकी घोषणा की थी। इस संस्थान में मधुबनी चित्रकला का प्रशिक्षण दिया जाता है।
अररिया संग्राम में मिथिला हाट का वर्ष 2023 में उद्घाटन किया गया। मधुबनी जिला में पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है। साथ ही बाढ़-बचाव राहत कार्य कराए गए हैं। 76 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया गया है। इस जिले में जो भी पंचायत सरकार भवन बचे हुए हैं जिलाधिकारी उसका शीघ्र निर्माण कराएं। पंचायतों को सम्मान देने के लिए ही हमने पंचायत सरकार भवन नाम दिया। यहां 7 पावर ग्रिड का निर्माण कराया गया। 41 पावर उपकेंद्र बनाए गए। 51 कृषि फीडर का निर्माण कराया गया। इच्छुक किसानों को विद्युत कनेक्शन दिया जा रहा है। मधुबनी जिले के लिए इन सब कामों के अलावा और भी जिन कामों के संबंध में सुझाव आएंगे उस पर काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। हमारा संबंध वर्ष 1995 से है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में हम केंद्र में मंत्री थे। वे मुझे बहुत मानते थे। उन्होंने ही मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाया। हम सब मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे, बिहार को आगे बढ़ाएंगे।
समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सह मधुबनी जिले की प्रभारी मंत्री लेशी सिंह, उद्योग सह पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, सांसद संजय कुमार झा, सांसद रामप्रीत मंडल, सांसद अशोक कुमार यादव, विधायक विनोद नारायण झा, विधायक रामप्रीत पासवान, विधायक अरुण शंकर प्रसाद, विधायक सुधांशु शेखर, विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल, विधायक मीना कुमारी, विधायक समीर कुमार महासेठ, विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर
जिला परिषद् अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव, महापौर अरुण राय, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त मनीष कुमार, दरभंगा प्रक्षेत्र की पुलिस उप महानिरीक्षक स्वपना गौतम मेश्राम, मधुबनी के जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा एवं मधुबनी के पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें- ‘One Nation One Election’ पर भाजपा ने आयोजित किया परिचर्चा, RJD पर बरसे दिलीप जायसवाल
CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM CM
CM