रांची: झारखंड में लंबे समय से लंबित निकाय चुनाव मई-जून में संभावित हैं। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के विभिन्न पदों के लिए वार्डों के पुनर्गठन का कार्य पूरा कर लिया गया है, और इसी आधार पर मतदाता सूची का विखंडन किया जा रहा है।
पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर निर्धारित ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट भी लगभग तैयार हो चुकी है। राज्य के 48 निकायों में से 42 में सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है। हालांकि, चुनाव को लेकर असमंजस बना हुआ है, क्योंकि अगर मई-जून में चुनाव नहीं हुए, तो मानसून के कारण इसे नवंबर-दिसंबर तक टालना पड़ सकता है।
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने सर्वेक्षण के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए हैं। प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता का कहना है कि मोबाइल और टेलीफोन के माध्यम से आंकड़े जुटाना गलत है, और यदि इसी आधार पर आरक्षण तय किया गया तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
ट्रिपल टेस्ट सर्वे के लिए राज्य में 2741 प्रगणक और 3094 अनुश्रवण पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके लिए 1.16 करोड़ रुपये मानदेय का प्रावधान है, जबकि 295 निकाय वार नोडल पदाधिकारियों के लिए 14.75 लाख रुपये और मास्टर ट्रेनरों के लिए 1.44 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। स्टेशनरी और अन्य सामग्रियों को मिलाकर कुल 3 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च अनुमानित है।
अब देखना होगा कि चुनाव आयोग मई-जून में चुनाव कराने में सफल होता है या इसे आगे के लिए टालना पड़ता है।