प्रतियोगी परीक्षा विधेयक को लेकर विवाद गहराता जा रहा है

करिश्मा सिन्हा

रांची: प्रतियोगी परीक्षा विधेयक को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ इस विधेयक को लेकर लेकर बीजेपी और आजसू लगातार सवाल खड़े कर रही है। वहीं अब इस विधेयक को लेकर छात्र नेताओं मे भी आक्रोशित अब दिखने लगा है।

आक्रोशित छात्रों का कहना है कि हम इस विधेयक का मांग तो लंबे समय से कर रहे थे ताकि राज्य में नकल और पेपर का मामला सामने ना आए लेकिन इस विधेयक को इस तरीके से बनाया गया है जिसमें कई त्रुटियां है अगर यह त्रुटियां दूर नहीं होगी तो या एक काला कानून बन जाएगा छात्र बताते हैं कि इसमें कई ऐसी त्रुटियां हैं जो झारखंड के छात्रों के हित में नहीं है।

इस मामले में विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है छात्रों के हितों को अनदेखी करने का आरोप लगाने के अलावा विपक्ष खासकर बीजेपी राज्य में हो रही नियुक्ति में धांधली का रास्ता खुल सके इसके लिए सरकार में यह विधेयक है का आरोप लगा रही है।

दूसरी तरफ सरकार इस विधेयक को लेकर अडिग है सरकार की ओर से कहा गया है कि यह विधेयक राज्य और छात्रों के हित में लाया गया है विपक्ष इस विधेयक को लेकर गलतफहमी फैला रही है जिसे सरकार दूर करेगी।

वहीं इस मामले में सत्तारूढ़ पार्टी जेएमएम ने अपना पक्ष मीडिया के समक्ष रखा है जमीन के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि ऐसा कानून उत्तराखंड राजस्थान में भी है और यह अभ्यर्थियों के हित में रहेगा क्योंकि पूर्व में जीपीएससी और जेएससीसी में जो धांधली और जेपीएससी के जेई परीक्षा में पेपर लिक का मामला सामने आया था वैसे मामलो में कहीं ना कहीं रोक लग जाएगी।

महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा है और बाबूलाल मरांडी से कई सवाल भी पूछे हैं।

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