तख्तापलट : बांग्लादेश में सेना ने संभाली सत्ता, सेनाध्यक्ष बोले – सेना नहीं चलाएगी गोली, तोड़फोड़ बंद हो, अगरतला पहुंचीं शेख हसीना

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बंग बंधु की मूर्ति पर प्रदर्शनकारियों ने की तोड़फोड़

डिजीटल डेस्क : तख्तापलटबांग्लादेश में सेना ने संभाली सत्ता, सेनाध्यक्ष बोले – सेना नहीं चलाएगी गोली, तोड़फोड़ बंद हो, अगरतला पहुंचीं शेख हसीना। बांग्लादेश में लगातार बदलते घटनाक्रम के दौरान सोमवार का दिन अहम रहा। लगातार बिगड़ते हालात और हिंसक होते आंदोलन को देखते हुए आखिरकार सेना ने तख्तापलट कर दिया और सत्ता पर काबिज हो गई है। सेनाध्यक्ष वाकर-उज-जमान ने सामने आते हुए स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रपति के पास जाकर अंतरिम सरकार का गठन करने वाले हैं। साथ ही उन्होंने आंदोलनकारियों से कहा कि सेना उन पर गोली नहीं चलाएगी लेकिन आंदोलन पर उतारू लोग भी तोड़फोड़ छोड़कर हालात को सामान्य बनाने में सेना का सहयोग करें। सेनाध्यक्ष ने आदोलनकारियों की सभी मांगे मान लिए जाने का भी आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही इसे अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

बंग भवन पर तोड़फोड़ के बीच दोपहर ढाई बजे शेख हसीना ने छोड़ा बांग्लादेश, पहुंची अगरतला

आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ बांग्लादेश में प्रदर्शन सोमवार की सुबह अपने चरम पर पहुंचा। मीरपुर से छात्रों के साथ हजारों लोगों ने सोमवार को ढाका के लिए मार्च शुरू किया और देखते-देखते ही हालात बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री आवास बंग भवन पर कब्जा कर लिया। बंग भवन पर आंदोलनकारियों ने उत्पात मचाते हुए जमकर तोड़फोड़ शुरू की। इस बीच सैन्य अधिकारियों का रुख बदला और वे आंदोलनकारियों के साथ हो गए तो शेख हसीना असहाय हो गईं। आखिरकार दोपहर करीब 2.30 बजे पीएम शेख हसीना ने अपनी बहन के साथ देश छोड़ दिया और उनके हेलीकॉप्टर ने भारत के त्रिपुरा में लैंड किया।

तख्तापलट के बांग्लादेश में जन भवन की छत पर उल्लास करते प्रदर्शनकारी
तख्तापलट के बांग्लादेश में जन भवन की छत पर उल्लास करते प्रदर्शनकारी

बांग्लादेशी सेनाध्यक्ष ने बताया सोमवार को घटा घटनाक्रम

तख्तापलट होने की घटना के संबंध में पीएम आवास बंग भवन में सोमवार को घटी घटनाओं के बारे में सेनाध्यक्ष वाकर-उज-जमान ने जानकारी दी। बताया कि नई व्यवस्था और सत्ता के लिए उनकी ओर से बुलाई गई बैठक में अवामी लीग का कोई प्रतिनिधि नहीं था लेकिन जमात, बीएनपी, राष्ट्रीय पार्टी और सुशील समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने हालात पर काबू करने के लिए तत्काल अंतरिम सरकार के गठन पर सहमित जताई। बैठक में ढाका विश्वविद्यालय के विधि विभाग के अध्यक्ष आसिफ नजरूल भी शामिल थे और उनकी ओर से बैठक में रखी गई बातों को आंदोलनकारी छात्रों के प्रतिनिधियों ने सराहा और उन पर सहमति भी जताई। सेनाध्यक्ष ने इसी के साथ घोषणा कि तत्काल देश की शासनगत सारी जिम्मेवारी वह खुद ही संभालने जा रहे हैं।

नई दिल्ली पहुंचेंगी शेख हसीना, भारत ने बांग्लादेशी सीमा ने नहीं भेजी मदद

अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद को देखते हुए भारत ने शेख हसीना की गुहार के बाद भी उन्हें देश से सकुशल बाहर निकालने के लिए अपना जहाज नहीं भेजा। भारत ने शेख हसीना को भारतीय सीमा में पहुंचने को कहा और आश्वस्त किया कि भारतीय सीमा में दाखिल होते ही उनकी पूरी सुरक्षा भारत की होगी। उसी क्रम में हेलीकॉप्टर से शेख हसीना के कोलकाता, अगरतला या बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचने का विकल्प रखा गया। उसके बाद दोपहर 2.30 बजे ढाका से हेलीकॉप्टर से निवर्तमान पीएम शेख हसीना अगरतला पहुंचीं। वहां से वह विशेष विमान से नई दिल्ली ले जाई जाएंगीं।

Military Takes Over Bangladesh बांग्लादेश छोड़ने से ऐन पहले की निवर्तमान पीएम शेख हसीना।
बांग्लादेश छोड़ने से ऐन पहले की निवर्तमान पीएम शेख हसीना।

सेना ने 45 मिनटों में देश छोड़ने को कहा और राष्ट्र के नाम संदेश भी नहीं देने दिया

बांग्लादेश में लगातार बिगड़ते हालात के सत्ता पर तेजी से हावी हुई सेना और सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को अचानक पूरे मामले में काफी तेजी दिखाई। सैन्य अधिकारियों के बदले तेवर ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को सकते में डाल दिया और उन्हें बैकफुट पर आने को विवश करते हुए सेना की ओर से दिए गए सीमित विकल्पों में से किसी एक को चुनने को कहा गया। मिली जानकारी के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों ने महज 45 मिनटों में पद से इस्तीफा देने और साथ देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया और अन्यथा की सूरत में सैन्य कार्रवाई का अंजाम भुगतने को तैयार रहने को गया। बताया जा रहा है कि सैन्य अधिकारियों के बदले रुख और उनकी ओर से पेश सीमित विकल्प देख आखिरकार शेख हसीना अंदर से टूट गईं और चंद मिनटों में ही पद से इस्तीफा देते हुए देश को छोड़कर सुरक्षित ठिकाने को रवाना होने का रास्ता चुना। आलम ऐसा रहा कि पीएम पद से इस्तीफा देने के दौरान शेख हसीना राष्ट्र के नाम अपना संदेश रिकार्ड करवाना चाह रही थीं लेकिन सैन्य अधिकारियों ने सीधे तौर पर उसके लिए मना कर दिया और तत्काल देश छोड़कर निकल जाने के विकल्प पर तेजी से अमल करने को कहा। लाचारी में शेख हसीना सैन्य अधिकारियों के हुक्म का तामील करतीं नजर आईं।

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