रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो गया, जिससे आगामी बोर्ड परीक्षाओं पर असर पड़ सकता है। जनवरी के अंत से मार्च तक झारखंड बोर्ड की आठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं, जिनमें 20 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे।
बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम:
- 8वीं बोर्ड परीक्षा: 28 जनवरी (5,18,002 छात्र)
- 9वीं बोर्ड परीक्षा: 29 और 30 जनवरी (4,77,096 छात्र)
- 10वीं बोर्ड परीक्षा (मैट्रिक): 11 फरवरी (4,33,886 छात्र)
- 12वीं बोर्ड परीक्षा: 11 फरवरी (3,49,825 छात्र)
- 11वीं बोर्ड परीक्षा: 6 मार्च (लगभग 3 लाख छात्र)
चेयरमैन और उपाध्यक्ष का पद खाली:
रेगुलेशन के अनुसार, जैक बोर्ड द्वारा सभी महत्वपूर्ण निर्णय चेयरमैन की अध्यक्षता में लिए जाते हैं। चेयरमैन के बिना प्रश्न पत्र सेट करने, प्रिंटिंग और गोपनीय कार्यों जैसे अहम कार्यों में रुकावट आ सकती है। इसके अलावा, जैक बोर्ड के तीन विधायक सदस्यों के पद भी 22 अक्टूबर से खाली हैं।
कोचिंग और छात्रवृत्ति परीक्षाएं भी प्रभावित:
मेडिकल, इंजीनियरिंग, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आयोजित कोचिंग एंट्रेंस एग्जाम और छात्रवृत्ति परीक्षाओं की तैयारी भी प्रभावित हो सकती है।
1993 की स्थिति का जिक्र:
बोर्ड के जानकारों का कहना है कि 1993 में परीक्षा से पहले जैक अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। विशेषज्ञों के अनुसार, परीक्षा संचालन के लिए जल्द से जल्द अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति जरूरी है।