न्यूयॉर्क : अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर एक कार्यक्रम में हमला हुआ है.
बफेलो के पास चौटाउक्का में चाकू घोंपकर घायल कर दिया गया है. हमले के बाद उन्हें
हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल ले जाया गया. सलमान रुश्दी को अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है.
सर्जरी के बाद उनकी एक आंख जा सकती है.
रश्दी के एजेंट Andrew Wylie ने बताया कि वह बोल नहीं पा रहे हैं.
सर्जरी के बाद सलमान रुश्दी खो सकते हैं अपनी एक आंख
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, सलमान रुश्दी सर्जरी के बाद अपनी एक आंख खो सकते हैं.
इसके अलावा उनके हाथ की नसें भी फट गईं.
हमलावर द्वारा किए गए चाकू से हमले में उनका लिवर भी डेमेज हो गया है.
न्यूयॉर्क के गवर्नर के बाद अब इस घटना पर पुलिस का भी बयान आया है.
संदिग्ध की हुई पहचान
न्यूयॉर्क पुलिस के मुताबिक, संदिग्ध की पहचान न्यू जर्सी के 24 वर्षीय Hadi Matar के रूप में हुई है.
गर्दन और पेट में चाकू से हमले के बाद रुश्दी को अस्पताल में भर्ती कराया गया. अभी उनका इलाज जारी है. पुलिस ने बताया कि चौटाउक्वा में जो घटना हुई, वह हमारे लगभग 150 साल के इतिहास में कभी नहीं हुई. हमारा काम अभी सलमान रुश्दी के परिवार के लिए एक संसाधन बने रहना है. हम इस हमले के उद्देश्य को समझने के लिए एफबीआई के साथ काम कर रहे हैं.
विवादित रहा है रुश्दी का जीवन
सलमान रुश्दी का जीवन काफी विवादित रहा है. साल 1989 से उन्हें जान से मारने की धमकी मिलती आ रही है. शुक्रवार की सुबह लेक्चर देने से पहले CHQ 2022 कार्यक्रम के लिए मंच पर जाते समय लेखक पर जानलेवा हमला किया गया. न्यूयॉर्क पुलिस ने बताया कि एक संदिग्ध ने, लेखक के लेक्चर से पहले मंच पर पहुंचकर उनका पर जानलेवा हमला किया.
लेखक को मिला था बुकर प्राइज
सलमान रुश्दी एक जाने-माने लेखक हैं. साल 1981 में उनकी एक किताब आई थी Midnight’s Children. उस किताब के जरिए आजादी के बाद भारत में तेजी से बदले हालात को खूबसूरती से बताया गया था. उस किताब के लिए सलमान को बुकर प्राइज से भी सम्मानित किया गया था.
लेकिन इस सफलता से सलमान खुश हो पाते, उससे पहले ही उनकी एक दूसरी किताब ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया. उस किताब का नाम था The Satanic Verses. ईरान में इस किताब का बिल्कुल भी स्वागत नहीं किया गया. वहां के मुस्लिम समाज ने आरोप लगा दिया कि ये किताब उनके धर्म का अपमान करती है. उस किताब के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि साल 1989 में ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया, जिसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था. यही नहीं फतवा में रुश्दी को मारने वाले को 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम देने की बात भी कही गई थी.
1998 में ईरान ने दी सफाई
विवाद को देखते हुए सलमान रुश्दी को कई सालों तक छिपकर रहना पड़ा. साल 1998 में ईरान ने साफ कर दिया कि वे सलमान रुश्दी की हत्या को बिल्कुल भी समर्थन नहीं देते हैं. उनकी तरफ से उस फतवे को भी कोई महत्व नहीं दिया गया. लेकिन ईरान का वो रुख भी एक समुदाय में सलमान के प्रति नफरत को कम नहीं कर सका. इसी वजह से साल 2012 में, एक अर्ध-आधिकारिक ईरानी धार्मिक फाउंडेशन ने रुश्दी के लिए इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया. लेकिन तब खुद सलमान रुश्दी ने उन फतवों का या कह लीजिए कि उन धमकियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी और वे कई कार्यक्रम में शिरकत करते रहे.