Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) की घोषणा हो गयी है। इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल करने की मांग की है। इसको लेकर उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के जाटों को राज्य में ओबीसी श्रेणी के तहत मान्यता दिए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने उन्हें लाभ देने से इनकार कर दिया है।
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Delhi Assembly Election: केरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
पीएम मोदी को लिखे पत्र में अरविंद केजरीवाल ने कहा है, ‘एक महत्वपूर्ण विषय पर 10 साल पहले आपका किया वादा आपको याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। मेरी दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाक़ात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किये जाने पर चिंता जाहिर की। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।
Delhi Assembly Election: वादाखिलाफी का आरोप
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘फिर 8 फरवरी 2017 को अमित शाह जी ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेन्द्र सिंह जी के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं, उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जी जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।’
Delhi Assembly Election: दिल्ली के जाट समाज के साथ भेदभाव
पत्र में आगे उन्होंने लिखा, ‘ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं, जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है।
Delhi Assembly Election: ओबीसी समाज के युवाओं के साथ अन्याय
पत्र में उन्होंने लिखा, ‘ये तो दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा है। और बीजेपी की केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार ये धोखा कर रही है। सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।
दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं, जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है।’
Delhi Assembly Election: ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार करें
पत्र में अंत में उन्होंने लिखा, ‘दिल्ली में जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ देना चाहिये।’