रांची. पुलिस मुख्यालय के सभागार में झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने धोखाधड़ी और फर्जी APK (Android Application Pakage) ऐप्स से संबंधित साइबर अपराध की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें ऐप से संबंधित विभिन्न सुरक्षा नीतियों की व्यापक रूप से समीक्षा की गई।
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने की समीक्षा बैठक
समीक्षा के क्रम में जामताड़ा पुलिस अधीक्षक द्वारा साइबर अपराध की रोकथाम से संबंधित पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुती दी गई। साथ ही साथ बताया गया कि साइबर अपराधी असली ऐप्स की तरह दिखने वाली नकली APK फाइल्स में मैलवेयर और वायरस छिपाकर यूजर्स के डिवाइस में इंस्टॉल करवाते हैं, जिससे लोगों का निजी डाटा चोरी कर बैंकिंग जानकारी प्राप्त कर डिवाइस को रिमोट कंट्रोल में ले लेते हैं, जिससे साइबर अपराधी अपराध करने में सफल हो जाते हैं।
साइबर अपराध से बचने एवं सुरक्षित रहने के लिए पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को आम लोगों को जागरूक कराने के लिए निम्नांकित सुझाव दिया गया-
- केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करें।
- अपने फोन में विश्वसनीय एंटी वायरस ऐप इस्टॉल करें।
- अनजान स्रोतों से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें।
- सिस्टम को हमेशा अपडेट रखना सुनिश्चित करें।
- सार्वजनिक स्थलों पर ब्लूटूथ और वाई-फाई प्रयोग करने पर विशेष ध्यान दें।
- संदिग्ध कॉल्स/विज्ञापनों/लिंक/गतिविधि/मुफ्त ऑफर आदि को नजरअंदाज करें।
- सिस्टम में ऑटोमैटिक डाउनलोड मोड को बंद रखना सुनिश्चित करें।
- साइबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में निश्चित रूप से भाग लें।
उपरोक्त दिए गए सुझाव से सभी पुलिस अधीक्षक आम जनता के बीच व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करेंगे। इस बैठक में डीजीपी अनुराग गुप्ता के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक, तकनीकी रूप से दक्ष जिलों के पुलिस पदाधिकारी/कर्मी एवं I4C-MHAके राजेश कुमार अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे।