डिजिटल डेस्क : चमोली में भीषण हिमस्खलन में फंस 47 मजदूर बचाए गए, 8 की खोज जारी। भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के बद्रीनाथ में सीमांत माणा गांव के पास बीते शुक्रवार को हुए भीषण हिमस्खलन में फंसे और गुम हुए 55 मजदूरों में से 47 को रेस्क्यू ऑपरेशन में बचा लिया गया है। बताया जा रहा है कि 8 मजदूर अब भी दबे हुए हैं।
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उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बद्रीनाथ धाम से 6 किलोमीटर आगे हुई भीषण हिमस्खलन की घटना में पहले 57 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली थी, लेकिन अब स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि दो मजदूरों के छुट्टी पर होने के कारण मौके पर 55 मजदूर थे।
PM Modi ने CM धामी से ली जानकारी…
PM Modi ने CM पुष्कर सिंह धामी से फ़ोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। साथ ही PM Modi ने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली।
इस दौरान PM Modi ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया। उसके बाद आज शनिवार को CM पुष्कर सिंह धामी ने हिम आपदा प्रभावित क्षेत्र माणा, चमोली के लिए देहरादून से प्रस्थान किया। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे भी CM धामी के साथ रवाना हुए।
CM धामी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात की और चमोली जिले के माणा में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान की जानकारी ली।
उन्होंने राज्य में बारिश और बर्फबारी की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद देगी।’

रेस्क्यू किए गए मजदूरों से मिले CM पुष्कर सिंह धामी …
सीएम धामी ने चार घंटे में दूसरी बार आपदा परिचालन केंद्र का दौरा किया। चमोली में हिमस्खलन और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री लगातार अपडेट ले रहे हैं। कहा कि हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं।
चमोली के माणा में हुए हिमस्खलन को देखते हुए एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से अलर्ट जारी करते हुए 3 हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू टीमों को जौलीग्रांट, सहस्रधारा और गोचर में तैनात किया गया। मौसम साफ होते ही टीमों ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू उपकरणों के साथ उड़ान भरी।
गोचर और सहस्रधारा में 8-8 लोगों की दो टीमों और जौलीग्रांट मुख्यालय में बटालियन की दस लोगों की एक टीम को तैनात किया गया है। इन टीमों को सेटेलाइट फोन और बर्फ में रेस्क्यू के लिए जरूरी उपकरणों के साथ तैनात किया गया है।
वहीं SDRF में अलर्ट जारी किया गया। यदि घायलों को एम्स ऋषिकेश लाया जाता है तो इसके लिए ढालवाला की टीम को अलर्ट पर रखा गया है।
पुलिस महानिदेशक रिधिम अग्रवाल ने कहा कि –‘हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू के लिए तीन टीमों को जरूरी उपकरणों के साथ तैनात किया गया। मौसम ठीक होने पर टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हुई। टीम में दक्ष जवानों को भेजा गया है।’

बचाए गए हर मजदूर की हालत चिंताजनक, सभी का उपचार जारी…
इससे पहले शनिवार को आज मौसम खुलते ही माणा में रेस्क्यू शुरू किया गया। ज्योतिर्मठ से पहला हेली कुछ जवानों को लेकर रवाना हुआ। अब तक मिली जानकारी के अनुसार सुबह भारतीय सेना ने 14 और लोगों को बचाया है।
कुछ को गंभीर चोटें आई हैं, जिनका इलाज चल रहा है।बर्फ में फंसे एक और घायल मजदूर को ज्योर्तिमठ लाया गया है। अब 8 मजदूरों की तलाश जारी है। अब तक 47 मजदूर बचाए जा चुके हैं। बचाए गए सभी मजदूरों की हालत चिंताजनक बताई गई है।
सभी का वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम में गहन चिकित्सा जारी है। इस बीच भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी है।
श्वेत मरुस्थल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बचाने के लिए मौसम खुलते ही माणा में बचाव अभियान चल रहा है। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है ।
उम्मीद की जा रही है कि बाकी फंसे मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। घटनास्थल से जो सूचनाएं मिल रही है, उनके मुताबिक, बाकी मजदूर एक कंटेनर में हैं, जो पूरी तरह से बर्फ से ढक चुका है।