कार्मिक विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना पर विवाद

रांची: कुछ दिन पहले एक सदस्यीय आयोग बनाने की सूचना कार्मिक विभाग की तरफ से जारी की गयी है. अब जारी अधिसूचना को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं. जांच किसके खिलाफ करनी है, वो अधिसूचना में लिखा हुआ ही नहीं है.

जारी अधिसूचना में लिखा है कि “एक छोटा सा वीडियो क्लिप में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन एक लोक सेवक द्वारा तथाकथित अधिकारी पद के दुरुपयोग से संबंध आरोप एवं इसे जुड़े सभी मामलों की जांच हेतु झारखंड सरकार के आदेश से  मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत्त विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्य जांच आयोग का गठन किया गया है”.

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव और पूर्व गृह सचिव आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के अशोक नगर स्थित आवास का बताया जा रहा है. बताते चलें कि इस आवास पर ईडी छापेमारी कर चुका है.

आईएएस राजीव अरुण एक्का उस वीडियो में सरकारी फाइल निबटाते नजर आ रहे हैं. वहीं आईएएस अधिकारी के बगल में एक महिला दिखायी दे रही है. जिसे पावर ब्रोकर विशाल चौधरी का स्टाफ बताया जा रहा है. वहीं वीडियो के ऑडियो में विशाल चौधरी किसी से पैसे लेने की बात करता हुआ सुनाई दे रहा है.

कार्मिक विभाग के द्वारा रिटायर चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता झारखंड में एक और मामले की जांच करेंगे. हर बार की तरह इन्हें तीन लाख रुपए प्रति महीने राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा. साथ ही न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समकक्ष यात्रा भत्ता और दूसरी सुविधाएं दी जाएगी.

इन्हें सरकार की तरफ से एक सचिव, एक सहायक और एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की सुविधा भी दी जाएगी. इस बाबत कार्मिक विभाग की तरफ से 20 मई को ही अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इससे पहले रूपा तिर्की और संथाल परगना के खनन घोटाले मामले की जांच करने के लिए दो बार सरकार की तरफ से रिटायर चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग बनाया जा चुका है.

Share with family and friends: