Donald Trump Shot Updates : डोनाल्ड ट्रंप के शूटर की हुई शिनाख्त, 300 फीट दूरी से एआर-15 स्टाइल राइफल से दागी थी गोली

जानलेवा हमले के बाद मुट्ठी बांधकर विक्टरी साइन बनाते पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

डिजीटल डेस्क : Donald Trump Shot Updatesडोनाल्ड ट्रंप के शूटर की हुई शिनाख्त, 300 फीट दूरी से एआर-15 स्टाइल राइफल से दागी थी गोली। अमेरिका के पेंसिलवेनिया में चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर फायरिंग करने वाले हमलावर की सुरक्षा एजेंसियों ने शिनाख्त कर ली है और उसका फोटो भी जारी किया है लेकिन नाम अभी गोपनीय रखा है। वह 20 वर्षीय युवक था और उस समेत कुल दो हमलावर सुरक्षाकर्मियों के जवाबी कार्रवाई में तुरंत ढेर कर दिए गए थे। घटना के बाद से अमेरिका में हड़कंप मच गया है। पूरे अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी गई है और खासतौर पर ट्रंप टावर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

एफबीआई ने कहा – 2 सेंटीमीटर के फासले से गुजरी गोली, बाल-बाल बचे पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप

सीक्रेट सर्विस ने बताया कि ट्रंप पर हमला करने वालों दोनों शूटरों को तुरंत ढेर कर दिया गया। शूटर ने एआर-15 स्टाइल राइफल का इस्तेमाल किया था। घटनास्थल से वह राइफल बरामद कर लिया गया है। अमेरिकी लॉ इनफोर्समेंट के अधिकारियों को एक मृत शख्स के पास से एआर-15 स्टाइल राइफल मिला है और अधिकारियों का मानना है कि वह गनमैन ही हमलावर था। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले का वीडियो सामने आया है, जिसमें चुनावी रैली के दौरान अचानक गोलीबारी होने लगती है। वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि कैसे ट्रंप इस हमले में बाल-बाल बचे है। गोली उनके दाहिने कान को छूती हुई निकली। सीक्रेट सर्विस अधिकारियों की मानें तो अगर यह गोली 2 सेंटीमीटर भी अंदर की तरफ होती तो ट्रंप की जान भी जा सकती थी। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने घटना के संबंध में बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हमले में कई शूटर शामिल थे। एक शूटर ट्रंप के मंच के पास भीड़ में था जबकि दूसरे शूटर का शव बिल्डिंग के पास मिला। सीक्रेट सर्विस ने दोनों शूटर को मौके पर ही ढेर कर दिया और ट्रंप पर फायरिंग करने वाले शूटरों की पहचान हो गई है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने शूटर की पहचान 20 साल के लड़के के रूप करते हुए बताया कि वह पेंसिलवेनिया का ही रहने वाला था।

शूटर ने ट्रंप पर मंच से 300 फीट की दूरी से साधा था निशाना

एफबीआई ने अब तक की जांच में मिले तथ्यों के आधार पर बताया कि शूटर ने 100 मीटर की दूरी से ट्रंप पर फायरिंग की। जिस जगह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की चुनावी रैली हो रही थी, उस रैली के मंच से करीब 300 फीट की दूरी पर शूटर मौजूद था और वहीं से उसने ट्रंप पर निशाना लगाया। उसने एआर स्टाइल  राइफल से ट्रंप पर फायरिंग की। हालांकि,  सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत पलक झपकते ही इस शूटर को स्नाइपर से मार गिराया गया और घटना के बाद वहां की सुरक्षा टाइट कर दी गई। ट्रंप पर हमले के बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने वाले इसी 20 साल के युवक को सीक्रेट सर्विस वालों ने किया ढेर। शूटर की फाइल फोटो।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने वाले इसी 20 साल के युवक को सीक्रेट सर्विस वालों ने किया ढेर। शूटर की फाइल फोटो।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने 5 मिनट पहले ही शूटर के बारे में सीक्रेट सर्विस को दी थी सूचना

बीबीसी की ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि रैली में मौजूद ग्रेग स्मिथ नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने पूरा वाकया बताया है। स्मिथ ने बताया कि ट्रंप के भाषण के करीब पांच मिनट पहले उन्होंने गनमैन को देखा। वह राइफल के साथ एक बिल्डिंग की छत पर खड़ा था। यह बिल्डिंग रैली (बंटर काउंटी) से कुछ ही दूरी पर था।स्मिथ ने पुलिस को तुरंत उस गनमैन के बारे में बताया और छत की ढलान के कारण वे शायद गनमैन को नहीं देख सके। स्मिथ मन ही मन सोच रहा था कि अभी तक ट्रंप को मंच से हटाया क्यों नहीं गया है? बाद में पांच राउंड फायरिंग हुई और उसके बाद सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने ट्रंप को घेर लिया। उनके चेहरे और कान पर खून लगा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शी स्मिथ ने कहा कि सीक्रेट सर्विस ने गनमैन को तुरंत मार गिराया। बीबीसी को दिए ब्योरे में प्रत्यक्षदर्शी स्मिथ ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां रैली हो रही थी वहां की सभी छतों पर सीक्रेट सर्विस वाले क्यों नहीं थे ?  स्मिथ ने इसे सिक्योरिटी सिस्टम का फेल्योर बताया।

अमेरिका में पहले भी कई राष्ट्रपतियों-पूर्व राष्ट्रपतियों पर हो चुके हैं हमले

अमेरिकी इतिहास को खंगाले तो ये पहली बार नहीं है जब किसी राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति पर हमला किया गया हो। अमेरिका में ऐसे राष्ट्रपतियों की लंबी सूची है जिन पर गोली चलाई गई। इस तरह का सबसे पहला हमला सन 1835 में हुआ था। तब एक व्यक्ति  ने तत्कालीन राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन को मारने की असफल कोशिश की थी। किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या का पहला सफल मामला 1865 में सामने आया। जब वहां गृहयुद्ध खत्म होने के बाद वाशिंगटन डी.सी. के फोर्ड थिएटर में एक प्रस्तुति के दौरान नाटक के अभिनेता और जॉन विल्क्स बूथ ने राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के सिर के पीछे गोली मार दी थी। उसके बाद बूथ घटनास्थल से भाग गया और जब कुछ हफ्तों बाद वर्जीनिया में उसे पकड़ लिया गया तो उसे गोली मार दी गई। गोली लगने के 12 घंटे के अंदर ही लिंकन की मौत हो गई थी। इस तरह की दूसरी घटना जेम्स गारफ़ील्ड के साथ हुई।  साल 1881 में जुलाई माह में जब वे वाशिंगटन डी.सी. के एक रेलवे स्टेशन पर थे तब उनको गोली मार दी गई थी। इस तरह का तीसरा मामला वर्ष 1901 में विलियम मैककिनले की हत्या के रूप मे दर्ज है। अपने दूसरे कार्यकाल के छह माह बाद वह एक सार्वजनिक प्रदर्शनी में जब जनता से मिल रहे थे, तब गोली मार दी गई थी। हमले के एक सप्ताह बाद ही उनकी मौत हो गई। अमेरिका में जिस चौथे राष्ट्रपति की हत्या की गई वे जॉन एफ. कैनेडी थे। उन्हें एक पूर्व नौसैनिक ली हार्वे ओसवाल्ड द्वारा गोली मार दी गई थी। वर्ष 1981 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर भी वाशिंगटन डीसी में हिल्टन के बाहर हमला किया गया था। उस हमले में उनके प्रेस सचिव जेम्स ब्रैडी, रीगन की तुलना में अधिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। वहीं, वर्ष 2005 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश पर भी हमला हुआ जब वे जॉर्जिया के तिबिलिसी में भाषण दे रहे थे। उस घटना में उनके मंच पर ग्रेनेड फेंका गया था।

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