रांची: झारखंड सरकार ने राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता को रिटायर करने के केंद्र सरकार के आदेश पर आपत्ति जताई है। सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर उनके रिटायरमेंट आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। फिलहाल अनुराग गुप्ता अपने पद पर बने रहेंगे, जब तक केंद्र की तरफ से अंतिम निर्णय नहीं आता।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में राज्य सरकार को पत्र भेजकर अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल 2025 को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त करने का निर्देश दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने इस आदेश को रोकने के लिए केंद्र को कानूनी और प्रक्रियागत आधार पर पुनर्विचार करने को कहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार शाम अपनी विदेश यात्रा से लौटने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता से मुलाकात की थी। इस बैठक के तुरंत बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा, जिसमें कहा गया है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा तय नई प्रक्रिया के तहत की गई थी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो साल का होना चाहिए।
गौरतलब है कि जुलाई 2024 में तत्कालीन डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया था। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उन्हें पद से हटाया गया था, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद नवंबर में दोबारा उन्हें जिम्मेदारी दी गई। जनवरी 2025 में राज्य सरकार ने डीजीपी नियुक्ति की नई नियमावली बनाकर उन्हें स्थायी डीजीपी नियुक्त किया।
राज्य सरकार अब केंद्र को भेजे पत्र में इसी प्रक्रिया का हवाला देकर अनुराग गुप्ता का कार्यकाल बरकरार रखने की मांग कर रही है। फिलहाल केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, डीजीपी पद को लेकर यह तकरार राज्य और केंद्र के बीच एक नया संवैधानिक सवाल खड़ा कर रही है।