रांची: ईडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ चल रहे एक बड़े मामले का हिस्सा है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-218 के अनुसार, किसी भी लोकसेवक या सरकारी अधिकारी के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होता है। इस प्रक्रिया के तहत, ईडी ने इन अधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी करने के बाद अब राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति की मांग की है, ताकि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सके।
इस मामले में पूजा सिंघल के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद अदालत ने ईडी से पूछा था कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए आवश्यक स्वीकृति क्यों नहीं ली गई। अदालत का यह कदम मामले में पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में था।
ईडी ने अदालत को बताया कि जब तक राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त नहीं होती, तब तक इस मामले में आगे की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद ही अभियोजन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
इस मामले में छवि रंजन, संजीव लाल और वीरेंद्र राम के खिलाफ भी राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है, और इन अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अंतिम फैसला राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद लिया जाएगा।