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पटना: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान कल यानि सोमवार को होना है। पांचवें चरण के मतदान में बिहार के पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इस चरण के मतदान में बिहार में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। एक तरफ हाजीपुर लोकसभा सीट पर एनडीए के लोजपा(रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के समक्ष अपनी पिता की विरासत को बचाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ सारण सीट पर वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी और राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बीच रण है। मधुबनी सीट पर हुकुमदेव नारायण के बेटे अशोक यादव मैदान में हैं तो सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर।
पिता की विरासत दांव पर
पांचवें चरण के मतदान में लोजपा(रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हाजीपुर से उम्मीदवार हैं और उनके ऊपर पिता की विरासत और अपनी इज्जत बचाने की चुनौती है। हाजीपुर लोकसभा सीट पर चिराग का मुकाबला राजद के शिवचंद्र राम से है। शिवचंद्र राम बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं जबकि चिराग पासवान जमुई लोकसभा सीट से दो बार सांसद। हाजीपुर लोकसभा सीट वैसे तो लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की विरासत और सुरक्षित सीट माना जाता था लेकिन इस बार माना जा रहा है कि चिराग पासवान के सामने अपनी पिता की विरासत बचाना इतना आसान नहीं होगा।
रूडी रोहिणी का रण
तीन बार के सांसद और लालू यादव को हार का स्वाद चखाने वाले भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी का सारण लोकसभा सीट से वैसे तो हर बार जीत तय मन जाता था लेकिन इस बार उनका मुकाबला लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के साथ है। रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से जीत दिलाने के लिए लालू यादव खुद सारण में कैंप किये हुए हैं तो दूसरी तरफ राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी कई चुनावी सभाएं की है।
बात करें अगर जमीनी हकीकत की तो जीत हार के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। एक तरफ राजीव प्रताप रूडी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने सारण में विकास की गंगा बहाई है और कई योजनाओं पर अभी काम चल रहा है तो दूसरी तरफ रोहिणी आचार्य पर भाजपा लगातार हमलावर है और उन्हें टूरिस्ट बता रही है। इसके साथ ही रोहिणी आचार्य की उम्मीदवारी को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है कि उनकी उम्मीदवारी निरस्त हो।
सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर
सीतामढ़ी सीट पर जदयू के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी हैं और बिहार विधानसभा के सभापति भी हैं। सीतामढ़ी सीट पर उनका मुख्य मुकाबला राजद के अर्जुन राय से है। देवेश चंद्र ठाकुर जदयू के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं और उनके सामने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है। अर्जुन राय को पिछले लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था और उन्हें हरा कर जदयू के सुनील कुमार पिंटू ने सीतामढ़ी से चुनाव जीता था। अर्जुन राय के सामने पिछली बार की हार का बदला लेना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
दूसरी बार जीत की जद्दोजहद
मधुबनी लोकसभा सीट पर भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण के बेटे अशोक यादव दूसरी बार मैदान में हैं। पिछली बार उन्होंने वीआईपी के बद्री पूर्वे को पराजित किया था और इस बार उनके सामने राजद के मोहम्मद अली अशरफ फातमी चुनौती के रूप में खड़े हैं। अशोक यादव के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती है तो अली अशरफ फातमी के सामने पार्टी के विश्वास को।
जनता चुनेगी पार्टी या नेता
मुजफ्फरपुर सीट पर वर्तमान सांसद अजय निषाद ने पिछली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव जीता था लेकिन इस बार जब भाजपा ने उनकी टिकट काट दी तो उन्होंने दल बदल कर कांग्रेस का पंजा पकड़ लिया और कूद पड़े एक बार फिर से अपनी सीट पर जीत हासिल करने जबकि उनके सामने भाजपा से राजभूषण मैदान में हैं। अब देखना होगा कि वर्तमान सांसद पार्टी बदलने के बाद अपनी सीट बचा पाते हैं या फिर पिछली बार की तरह मोदी लहर में यह सीट भाजपा के खाते में जाती है। यह तो अब 4 जून को साफ होगा कि मुजफ्फरपुर की जनता किसे पसंद करती है।
80 उम्मीदवार हैं मैदान में
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार के पांच लोकसभा सीट सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर कुल 80 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें 6 महिला उम्मीदवार हैं। सबसे अधिक 26 उम्मीदवार मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से हैं जबकि सबसे कम मधुबनी लोकसभा सीट पर 12 उम्मीदवार मैदान में अपना किस्मत आजमा रहे हैं। इसके साथ ही सीतामढ़ी, सारण और हाजीपुर लोकसभा सीट पर 14 उम्मीदवार हैं। सभी उम्मीदवारों की किस्मत सोमवार को ईवीएम में कैद हो जाएगी जो 4 जून के मतगणना में खुलेगी।
मंजेश कुमार
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