नई दिल्ली। इस बार का दक्षिण-पश्चिम मानसून एक दिलचस्प मौसमीय परिदृश्य के साथ दस्तक देने को तैयार है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, एनसो (ENSO) और इंडियन ओशियन डायपोल (IOD) — दोनों की स्थितियां न्यूट्रल हैं, यानी न अल-नीनो प्रभाव है, न ही ला-नीना। ऐसा 25 वर्षों में केवल छठी बार हुआ है।
इतिहास बताता है कि जब-जब दोनों परिस्थितियां न्यूट्रल रही हैं, तो चार बार कम बारिश, एक बार सामान्य (2001) और केवल एक बार (2013) सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। यानी कम बारिश की संभावना अधिक होती है। बावजूद इसके, मौसम विभाग ने इस बार सामान्य बारिश का अनुमान बढ़ाया है। कारण है — मई माह में अब तक 102.5 मिमी वर्षा, जो कि औसत 54.1 मिमी से 89.4% अधिक है। यह मई के सर्वकालिक रिकॉर्ड से सिर्फ 8 मिमी कम है, जो संभवतः अगले 1-2 दिनों में टूट सकता है।
मुख्य बिंदु:
ENSO और IOD दोनों न्यूट्रल स्थिति में
मई में रिकॉर्डतोड़ 102.5 मिमी वर्षा
2021 जैसा समुद्री मौसम पैटर्न दोहराने के संकेत
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सिस्टम सक्रिय
मानसून की तेजी से प्रगति की संभावना
आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र मानसून को गति देगा। यही नहीं, अरब सागर में भी एक अवसाद सक्रिय हो चुका है, जिसने मानसून को खींचना शुरू कर दिया है। यह स्थिति 2021 की तरह है, जब मई में ताउते और यास तूफान आए थे और मानसून असामान्य रूप से तेजी से आगे बढ़ा था।
रांची से ग्राउंड रिपोर्ट: बुधवार को दोपहर करीब 2:40 बजे अचानक घने काले बादल छा गए और झमाझम बारिश हुई। यह पूरे राज्य में मानसून की सक्रियता का संकेत माना जा रहा है।