पटना : ठगी का नेटवर्क – शनिवार की सुबह नब्बे फीट के पास हुंडई कार में बैठे दो संदिग्ध लोगों को जब पुलिस ने रोका तब उन्हें इस बात का जरा भी आभास नहीं था कि मामला इतना गंभीर निकलेगा. पुलिस की गश्ती टीम ने जब पूछताछ और कागजातों की छानबीन शुरू की तो नई कहानी सामने आ गई. पता चला दोनों कार सवार साइबर ठग हैं.

पूछताछ में और परतें खुली तो साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क का खुलासा हुआ जो कई राज्यों तक फैला है. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और तहकीकात तेज कर दी है. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें नवादा के कतरीसराय का रहने वाला रंजन उर्फ़ अंकित और औरंगाबाद का आनंद मुरारी शामिल है.
ठठगी का नेटवर्क – गी से बचने की नसीहत देकर लोगों से हड़प लेते हैं लाखों रुपये
पुलिस के मुताबिक साइबर ठगों का बड़ा गिरोह है जो देश के कई राज्यों में ऑपरेट करता है. इन लोगों ने फर्जी वेबसाइट बना रखा है. इसके जरिए ये ठग लोगों को इफको खाद की डिस्ट्रीब्यूटर शिप और डीलरशिप दिलाने का झांसा देते थे. लोगों को भरोसा हो इसके लिए विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों का भी इस्तेमाल करते थे. इतना ही नहीं लोगों को ठगी से सावधान रहने की नसीहत भी देते थे.
ठगी का नेटवर्क – साइबर ठगों ने कई राज्यों में लोगों को अपने चंगुल में फंसाया
पुलिस के मुताबिक इफको खाद की डिस्ट्रीब्यूटर शिप और डीलरशिप दिलाने के नाम पर इन लोगों ने कई राज्यों में ठगी की घटना को अंजाम दिया है.
पुलिस के सामने अब तक ठगी के शिकार जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उन सभी से संपर्क की जा रही है. अब तक पांच लोगों से पुलिस संपर्क किया है.
इनमें बिहार के अलावा हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल हैं. वैशाली जिले के महुआ के रहने वाले संतोष कुमार भी इन ठगों के चंगुल में फंस गए.
इन सभी लोगों से लाखों रुपये ठगे गए. पुलिस को गिरफ्तार ठगों से जो कागजात मिले हैं उनमें बड़ी संख्या में लोगों के नाम, फोन नंबर और उनके बारे में दूसरी जानकारियां दर्ज हैं.
इसी के आधार पर वो लोगों से संपर्क कर उन्हे एसएमएस या इंटरनेट लिंक भेजते थे.
पुलिस ने ठगो के पास से दर्जनों डेबिट कार्ड, पांच कीमती मोबाईल फोन, एक लैप टॉप , ठगी के दस्तावेज और एक हुंडई कार बरामद किया है.
पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. ठगी गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश भी की जा रही है.
रिपोर्ट : चंदन तिवारी