रवि और खरीफ फसलों से किसानों को हो रहा है मोहभंग

रवि और खरीफ फसलों से किसानों को हो रहा है मोहभंग

गोपालगंज : गोपालगंज जिले के दियारा इलाके के किसानों को जहां रवि और खरीफ फसलों से मोहभंग हो रहा है। वहीं दियारा इलाके के किसान गन्ने की फसल ज्यादा उपजा रहे हैं। ताकि गन्ने की फसल से उन्हें हर साल लाखों रुपए का मुनाफा हो जाता है। बता दें कि जिले के छह प्रखंड कुचायकोट, गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर में प्रत्येक साल बाढ़ आता है और हर साल बाढ़ की तबाही से सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो जाते है। लेकिन गन्ना ही एक मात्र ऐसा फसल है जिससे किसानों का लाखों रुपए का मुनाफा हो जाता है।

दियारा इलाके के किसान धनंजय सिंह बताते हैं कि धान और गन्ने की फसल दोनो लगते है। धान का फसल बहुत कम लगाते हैं।क्योंकि धान की फसल लगाने से लागत का रिकवरी नहीं हो पाता है। इसलिए यहां के किसान अब अधिकतर गन्ने की फसल उपजाने में लगे हुए हैं। क्योकि गन्ने की फसल आठ से नौ महीने में तैयार हो जाती है और लागत भी कम लगता है। इस इलाके के किसानों को चीनी मिलों द्वारा उत्तम वैरायटी के ही बीज दिए जाते हैं। ताकि अच्छे वैरायटी के गन्ने की फसलों से शुगर की ज्यादा से ज्यादा रिकवरी हो जाती है।

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किसान धनंजय कुमार का कहना है कि उनके द्वारा इस बार गन्ने की करनाल 18, वैरायटी के गन्ने की फसल लगाई गई है। इस किस्म की फसल का पैदावार ज्यादा होता है। इसमें रोग लगने की संभावना भी कम होती है। वहीं सिधवलिया चीनी मील के उप प्रबंधक आशीष खन्ना बताते हैं कि इस बार नेपाल से जो एक्सेस वाटर छोड़ा गया था। उससे दियारा के निचले इलाके के छोटे गन्ने के पौधों को प्रभावित किया है। वाटर लॉगिंग के वजह से गन्ने के फसल को फंगस इंफेक्शन से नुकसान हो सकता है। इससे बचने के लिए सिधवलिया मील के तरफ से एनपीके की दवा विकास पदाधिकारी गांव-गांव बांट रहे है। उससे किसान अपने खेतों में छिड़काव जरूर करें और खर पतवार से बचने के लिए किसान अपने खेतों में टू फॉर डी का छिड़काव जरूर करें। इसके अलावे अगर किसानों को कोई मदद की जरूरत होती है तो सिधवलिया चीनी मील में हेल्पलाइन से बात करें या सीधा संपर्क करें। सिधवलिया चीनी मील प्रबंधन किसान के मदद के लिए सदा तैयार है।

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सुशील श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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