रांची : सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा के परिणाम एक नवम्बर को आने के बाद कई गड़बड़ी सामने आए.
जिससे अभ्यर्थियों ने भ्रष्टाचार की शंका जाहिर की और पुनः छात्रों का जेपीएससी से भरोसा उठ गया.
कई सेन्टर में लगातार रोल नम्बर वाले अभ्यर्थियो को गलत ठंग से सफल घोषित किया गया था, जिसको आयोग ने बाद में मान लिया. जिससे इस आयोग को भंग करने की माँग उठने लगी. छात्र पुरी परीक्षा को रद्द करके संघर्ष लोक सेवा आयोग से परीक्षा आयोजित करने की माँग करने लगे.
झारखंड यूथ एसोसिएशन और झारखंड स्टुडेन्ट यूनियन के बैनर तले अभ्यर्थियो द्वारा आयोग की कार्यालय की घेराव किया गया. मोराबादी में धरना प्रदर्शन किया गया.
आमरण अनशन किया गया, लेकिन सरकार ने एक नहीं सुनी. वहीं आन्दोलनकारी छात्रों पर लाठी चार्ज किया, 300 से ज्यादा छात्रों पर फर्जी मुकदमा किया गया है.
अनशन और धरना को बलपुर्वक कुचलने की प्रयास किया. आन्दोलन करने वाले अभ्यर्थी को बाहरी कहकर संबोधित किया गया.
सबसे आश्चर्य की बात राज्य में कोरना के कारण सभी स्कूल-कालेज बंद करके कोविड गाइड लाइन को ताक पर रख कर हेमंत सरकार छठी जेपीएससी की तरह ही आनन फानन में मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से आयोजित कर रही है.
इतने गड़बड़ी में हड़बड़ी से परीक्षा लेना परीक्षाओं की भ्रष्टाचार की आशंका को सही साबित करती है.
इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध जेपीएससी अभ्यर्थी छात्र 24 जनवरी से जेपीएससी कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन में बैठेंगे और कोविड का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे.
जिसमें मुख्य रुप से इमाम सफी, गुलाम हुसैन, कहकशा कमाल, आरती कुशवाहा के अलावे धरना में हजारों संख्या में छात्र शामिल होंगे.
रिपोर्ट : शहनवाज
RRB NTPC परीक्षा : बिहार बंद के समर्थन में उतरे छात्र संगठन,आगजनी
JPSC अभ्यर्थियों पर पुलिस की कार्रवाई, देर रात बापू वाटिका से हटाया