Floriculture in Pakur : पाकुड़ के किसानों का रुझान इन दिनों सूर्यमुखी की खेती की तरफ बढ़ता जा रहा है.
लिट्टीपाड़ा के नवाडीह मे दुमका पाकुड़ मुख्य सड़क किनारे खेत मे सूर्यमुखी की खेती की जा रही है.
जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
हाईवे से गुजरने वाले वाहन में अगर किसी की नजर इन खेतों की तरफ पड़ती है तो वह रुक कर
सेल्फी लेने से खुद को नहीं रोक पाता है.
Floriculture in Pakur
हम कह सकते हैं इन दोनों सूरजमुखी की खेती सेल्फी प्वाइंट की तरह काम कर रहा है.
लोग कैमरा लेकर खेत पहुँचकर अपना अपना फोटोशूट कर रहे हैं.
प्रतिदिन यहां सैकड़ो की संख्या में लोग आकर फोटो शूट करते हैं.
दरसल दूसरों राज्यों से प्रेरणा लेकर लिट्टीपाड़ा नवाडीह के रहने वाली जोकसोना मुर्मू बिहार से बीज
लाकर सूरजमुखी की खेती कर रही है. जोकसोना मुर्मू पढ़ी-लिखी है.
यही कारण हैं वो अब नई चीजों की खेती मे रूचि दिखा रही हैं.
पाकुड़ मे पहली बार सूरजमुखी की खेती की जा रही है.
दरसल सूरजमुखी की खेती शुरू करने का समय फरवरी का प्रथम सप्ताह होता है.
इसके बाद सूरजमुखी की फसल तैयार होने में 90 से अधिक दिन का समय लगता है.
आपको बता दे की सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है.
बेहतर मुनाफा देने वाली इस फसल को नगदी खेती के रूप में भी जाना जाता है.
Report : Sanjay