किस मकसद से हो रहा है केजरीवाल का झारखंड दौरा, संबंध या चुनाव!

किस मकसद से हो रहा है केजरीवाल का झारखंड दौरा, संबंध या चुनाव

रांची: संबंध, राजनीति या लोकसभा चुनाव इन तीनों में किसके लिए हो रहा है केजरीवाल का झारखंड दौरा यह सवाल उस समय से लगातार सामने आ रहा है जब से 16 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री के झारखंड आने की खबर सामने आई है. सवाल ये भी है कि झारखंड के परिपेक्ष्य में केजरीवाल का राजनीतिक दौरा किस हद तक सफल हो पाएगा.

किस मकसद से हो रहा है केजरीवाल का झारखंड दौरा, संबंध या चुनाव
किस मकसद से हो रहा है केजरीवाल का झारखंड दौरा, संबंध या चुनाव

सूचना ये भी है कि वह कोडरमा में चुनावी सभा को संबोधित भी करेंगे इस दौरान कल्पना सोरेन और कोडरमा से इंडिया प्रत्याशी विनोद सिंह के लिए वोट मांगेंगे .

कोडरमा में केजरीवाल के चुनावी सभा को लेकर झारखंड की राजनीति की समझ रखने वाले राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोडरमा की जनता केजरीवाल से कितना कनेक्ट कर पाती है इस पर संदेह है क्योंकि कोडरमा में अब तक स्थानीय राजनीति ही हावी रही है जिसे इससे समझा जा सकता है कि वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी और विधायक नीरा यादव स्थानीय मुद्दे पर पिछला चुनाव जीती थी.

कोडरमा की जनता राष्ट्रीय नेता से कितना कनेक्ट कर सकते हैं. जेएमएम या इंडिया गठबंधन के रणनीतिकार की रणनीति देखने से एक और बात क्लियर हो रही है कि केजरीवाल का झारखंड दौरा इंडिया गठबंधन के एकजुटता को दिखाने वाला है.

इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ जेएमएम खुद भी ये बात अच्छी तरह जानता है कि शायद ही केजरीवाल के गांडेय या कोडरमा दौरे से उन्हें लोकसभा या गांडेय उपचुनाव में इसका लाभ मिले.

रणनीति से यह स्पष्ट है कि केजरीवाल के झारखंड दौरे को मीडिया में हाईलाइट किया जाए और इंडिया गठबंधन की एकजुटता और पीएम मोदी पर ईडी का गलत उपयोग के देश के दो मुख्यमंत्री को परेशान करने का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से उठाय़ा जा सके.

इंडिया गठबंधन और जेएमएम की रणनीति से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में राष्ट्रीय स्तर की राजनीति का लैब बहुत जल्द गांडेय उपचुनाव बनने वाला है.

इस बात की भी संभावना है कि इंडिया गठबंधन के बड़े नेता गांडेय उपचुनाव और कोडरमा लोकसभा चुनाव से पहले दोनों चुनावों के लिए प्रचार करने झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. इस रणनीति का लाभ इंडिया गठबंधन को चुनाव परिणाम के आने के बाद भी जो विपक्षी गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर बना है उसको एकजुट रखने के लिए मिल सकता है.

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