रांची: पूर्व विधायक ममता देवी को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने हजारीबाग और रामगढ़ की निचली अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा पर स्टे लगा दिया है। हजारीबाग कोर्ट ने ममता देवी को 5 साल की सजा सुनाई थी, जबकि रामगढ़ कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा दी थी।
ममता देवी के खिलाफ यह सजा गोला गोलीकांड से संबंधित मामले में सुनाई गई थी। उन्होंने इन दोनों सज़ाओं के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी, जिसके परिणामस्वरूप कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए सजा पर रोक लगा दी है।
अब, ममता देवी विधानसभा चुनाव में अपनी भागीदारी के लिए स्वतंत्र हैं और वे चुनावी मैदान में उतर सकेंगी। यह निर्णय उनके राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
गोला गोलीकांड मामले में 5 साल की सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व विधायक ममता देवी की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी। इस खाली हुई सीट पर फरवरी में उपचुनाव हुआ, जहां कांग्रेस ने ममता देवी के पति, बजरंग महतो को उम्मीदवार बनाया।
हालांकि, बजरंग महतो को एनडीए के प्रत्याशी सुनीता चौधरी के खिलाफ चुनाव में 23 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा। यह हार कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई, खासकर उस समय जब ममता देवी ने हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद अपनी राजनीतिक वापसी की संभावनाओं को फिर से जीवित किया है।
ममता देवी का भविष्य अब विधानसभा चुनाव में उनकी फिर से चुनावी भागीदारी पर निर्भर करेगा। हाई कोर्ट के फैसले ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है कि वे राजनीति में अपनी उपस्थिति फिर से बना सकेंगी।