Ghatsila by-election: घाटशिला उपचुनाव से पहले झारखंड की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है। कुड़मी समाज ने केंद्र और राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी मांगों पर समय रहते चर्चा नहीं हुई, तो वे घाटशिला उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे।
कुड़मी समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र और राज्य सरकार ने उनकी अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किए जाने की मांग पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे किसी भी राजनीतिक पार्टी को वोट नहीं देंगे।
Ghatsila by-election: कुड़मी समाज की मांगें क्या हैं?
कुड़मी समाज लंबे समय से खुद को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि ऐतिहासिक और सामाजिक आधार पर वे इस श्रेणी में आते हैं और उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। हालांकि, अब तक केंद्र और राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है, जिससे समुदाय में नाराजगी है।
Ghatsila by-election: चुनाव मैदान में कौन-कौन हैं?
घाटशिला उपचुनाव में इस बार सीधी टक्कर महागठबंधन के जेएमएम उम्मीदवार सोमेश सोरेन और एनडीए के भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन के बीच है। ऐसे में कुड़मी समाज का यह रुख इन दोनों दलों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, क्योंकि इस इलाके में कुड़मी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
बता दें कि, चुनाव आयोग ने झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव की आधिकारिक घोषणा कर दी है। 11 नवंबर 2024 को मतदान होगा और 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी। यह सीट राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई थी।
Ghatsila by-election: चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार है
- अधिसूचना जारी: 13 अक्टूबर 2024
- नामांकन की आखिरी तारीख: 20 अक्टूबर 2024
- स्क्रूटनी: 22 अक्टूबर 2024
- नाम वापसी की अंतिम तिथि: 24 अक्टूबर 2024
- मतदान: 11 नवंबर 2024
- मतगणना: 14 नवंबर 2024
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