रांची : झारखंड सरकार ने जिलावार नियुक्तियों में अंगिका, भोजपुरी और मगही को मान्यता दे दी है. अंगिका, मगही और भोजपुरी के अलावा क्षेत्रीय और जनजातियों की सूची जारी की गयी है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तर पर ली जानेवाली प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए कार्मिक विभाग ने संशोधित नियमावली का गठन किया था. मैट्रिक-इंटर स्तर के पदों में किस जिले में कौन सी भाषा मान्य होगी इसको लेकर सूची जारी कर दिया गया है.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तर की प्रतियोगिता परीक्षाओं में मगही, भोजपुरी और अंगिका को स्थान मिला है, जबकि दूसरी राजभाषा के रुप में पिछली सरकार में मान्यता पा चुकी मैथिली को अभी भी शामिल नहीं किया गया है. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के द्वारा गुरुवार को क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की सूची जिलावार जारी की गयी है.
नियमावली के पत्र-2 में चिह्नित क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा में जिलास्तरीय पदों के लिए जिलावार चिह्नित क्षेत्रीय/जनजातीय भाषाओं की सूची कार्मिक विभाग द्वारा अलग से दी जानी थी. इसके आलोक में विचार करने के बाद आयोग ने जिलास्तरीय पदों के लिए क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं को जिलावार चिह्नित किया है. जनजातीय भाषा में संथाली, कुडुख, खड़िया, मुंडारी, हो, असुर, बिरजिया, बिरहोरी, भूमिज, माल्तो व क्षेत्रीय भाषा में नागपुरी, पंचपरगनिया, बंग्ला, अंगिका, कुरमाली, मगही, उड़िया, खोरठा, भोजपुरी भाषा शामिल हैं.
रिपोर्ट : मदन सिंह
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