Patna- निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों का आरक्षण रद्द किये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बतलाते हुए
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.
किसी भी कीमत पर अतिपिछड़ों के आरक्षण के बगैर निकाय चुनाव नहीं करवाया जायेगा.
नीतीश कुमार शुरू से ही अतिपिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं,
इनके द्वारा ही वर्ष 2007 में अतिपिछड़ों का आरक्षण दिया गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा अतिपिछड़ों के लिए एक हजार 600 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया. कर्पूरी छात्रावास की स्थापना की गयी.
अतिपिछड़ों का आरक्षण रद्द होने पर भाजपा का वार खोखला
अशोक चौधरी ने कहा कि बावजूद इसके भाजपा के द्वारा
नीतीश कुमार के उपर आरोप लगाना हास्यास्पद नजर आता है.
राज्य में भाजपा की जमीन खिसक चुकी है,
यही कारण है कि उसके द्वारा अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं.
उतर चुका है नीतीश कुमार का अति पिछड़ों का मुखौटा – रेनू देवी
इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री रेनू देवी ने नगर निकाय के चुनाव में
अति पिछड़ों की अनदेखी को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है
कि नीतीश कुमार केवल अति पिछड़ों का मुखौटा पहन कर घूम रहे हैं.
आज उनका मुखौटा उतर गया है, जितने भी अति पिछड़ा प्रत्याशी थें, वह ठगा महसूस कर रहे हैं.
जिस तरीके से सरकार लापरवाही दिखाते हुए तारीखों का ऐलान किया गया,
उसके कारण ही सरकार को हाईकोर्ट में फजीहत झेलनी पड़ी.
साफ है कि सरकार नगर निकाय चुनाव नहीं करवाना चाहती थी.
अति पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों ने इतने पैसै खर्च कर तैयारी की थी,
अब उनका हिसाब कौन देगा, रेनू देवी ने कहा कि
यदि मुख्य़मंत्री नीतीश कुमार के द्वारा अति पिछड़ों के साथ हकमारी की जाती है,
उन्हे इंसाफ नहीं दिया जाता है तो हम सड़क पर भी उतर कर इसका विरोध करेंगे.
नीतीश कुमार पोल खोलने की बात करते हैं, हम नीतीश कुमारा की पोल खोलेंगे.