फाइनल रिपोर्ट समर्पित करने के लिए बनायी गाइडलाइन

डीजीपी ने लिखित आदेश दिया

रांची: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद डीजीपी ने राज्य में किसी केस में फाइनल रिपोर्ट समर्पित करने के लिए गाइडलाइन तैयार कर पुलिस अधिकारियों के लिए आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने डब्ल्यू कुजूर बनाम झारखंड में दायर याचिका में टिप्पणी की थी.

डीजीपी ने अपने आदेश में लिखा है कि प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि राज्य में अनुसंधानकर्ता केस में त्रुटिपूर्ण अंतिम रिपोर्ट समर्पित कर रहे हैं.

इस कारण न्यायालय द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी की जा रही है. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी से लेकर थाना प्रभारी और केस के अनुसंधानकर्ता के लिए लिखा है कि केस में फाइनल रिपोर्ट करने से पहले केस डायरी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जख्म जांच प्रतिवेदन, सभी प्रकार की वैज्ञानिक जांच, केस डायरी में लिखे गवाहों के नाम सहित अन्य विवरण फाइनल रिपोर्ट में भरकर ही इसे न्यायालय में समर्पित करें.

सभी इंस्पेक्टर इसे देखने के बाद फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में समर्पित करायें. केस में अनुसंधान के बाद आरोपपत्र में पूर्ण तथ्यों का उल्लेख करते हुए प्रत्येक आरोप पत्र में इस बात का उल्लेख करें कि चार्जशीटेड अभियुक्त के खिलाफ क्या साक्ष्य है.

इसके लिए यह आवश्यक है कि केस में सुपरविजन करने वाले पुलिस पदाधिकारी अनुसंधानकर्ता को केस की प्रकृति के अनुसार साक्ष्य संकलित करने के लिए निर्देश दें.

चार्जशीट का आदेश देने के पहले साक्ष्यों का विश्लेषण करें. महत्वपूर्ण केस में चार्जशीट से पहले विधि सलाहकार या लोक अभियोजक की सहायता ली सकती है.

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