रांची: Goodbye Dishom Guru – झारखंड आंदोलन के पुरोधा, पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के अटूट प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अंतिम विदाई देने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद पार्थिव शरीर के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हैं। रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास से गुरुजी की अंतिम यात्रा आज सुबह भारी जनसैलाब और राजकीय सम्मान के बीच प्रारंभ हुई।
अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग “जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबा तेरा नाम रहेगा” के नारों के साथ शामिल हुए। शव वाहन को पूरी तरह से सजाया गया है और मुख्यमंत्री भी उसी में सवार हैं। श्रद्धा और सम्मान के इस अद्वितीय दृश्य में हर कोई आंखें नम किए हुए, अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दे रहा है।

Goodbye Dishom Guru :
गुरुजी का पार्थिव शरीर पहले झारखंड विधानसभा परिसर ले जाया जाएगा, जहां राज्यपाल, मंत्री, विधायक और अन्य प्रमुख हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। इसके बाद यात्रा उनके पैतृक गांव नेमरा (जिला रामगढ़) के लिए रवाना होगये, गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राज्य भर में शोक की लहर है। हजारों लोग सड़कों पर कतारबद्ध होकर पुष्पवर्षा करते दिखे। सुरक्षा व्यवस्था के चलते राजधानी में ट्रैफिक को आंशिक रूप से रोका गया है और हर प्रमुख मार्ग पर पुलिस की तैनाती की गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुजी को “झारखंड की आत्मा” बताते हुए कहा कि उनका जीवन संघर्ष, तपस्या और बलिदान की मिसाल है। “बाबा तेरा नाम रहेगा” के नारे के साथ झारखंड आज अपने सबसे बड़े जननायक को अंतिम बार विदा कर रहा है।
Highlights