जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
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डिजीटल डेस्क: Hat-trick Of BJP – हरियाणा के नतीजों पर बोलीं अपर्णा यादव – जलेबियों की पूरी फैक्ट्री का हुआ सफाया। हरियाणा विधानसभा चुनाव -2024 के मंगलवार को अब तक आए परिणामों से साफ है कि यहां इतिहास रचा जा रहा है।
अपने 10 साल के सत्ता के वनवास के खात्मे के लिए हर जोड़-तोड़ में कोई कसर न छोड़ने वाली कांग्रेस अंतिम समय में अंदरूनी कलह के पेंच में कहीं न कहीं फसीं दिखाई दी। नतीजा सामने है। भाजपा कांग्रेस की बगल से जीत को निकालकर ले गई।
यह कुछ ऐसा ही रहा, जैसे कुश्ती में ‘बगलडूब’ दांव होता है जिसमें जब एक पहलवान सामने वाले पहलवान की बगल और पकड़ से बाहर निकलकर उसे परास्त कर देता है।
अब इसी पर समाजवादी संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव की बहू और उत्तर प्रदेश के महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने भी विपक्षियों की जमकर चुटकी ली है।
Hat-trick Of BJP : अपर्णा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को किया प्रणाम
अपर्णा बिष्ट यादव ने हरियाणा के चुनाव परिणाम आने के बाद मंगलवार सायं करीब 4 बजे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर टिप्पणी की। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर अपना शार्ट वीडियो डाला है।
करीब 49 सेकेंड के इस वीडियों में अपर्णा बिष्ट यादव कह रही हैं – ‘प्रणाम… मैं अपर्णा यादव। आज सभी देवतुल्य कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई देती हूं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जो विजन है और जो सोच है – राष्ट्रवाद का… उन्होंने (भाजपा कार्यकर्ताओं ने) जो झंडा ऊंचा किया है हमेशा, मैं सभी को बधाई देती हूं।
ये जो हरियाणा के इलेक्शन में भारतीय जनता पार्टी जो पुन: सरकार बनाने जा रही है… और एक बात ये भी कहना चाहती हूं कि विपक्षियों की जो जलेबियां बन रही थीं, उसकी पूरी फैक्ट्री का सफाया हो गया है।
बहुत-बहुत धन्यवाद सभी कार्यकर्ताओं को…सभी नेताओं को, जो भारतीय जनता पार्टी के चुनाव में लगे और आदरणीय मोदी का फिर से हमने झंडा फहराया है।…वंदे मातरम। जय भारत माता’।

Hat-trick Of BJP : हरियाणा में भाजपा का नया रिकार्ड, लगातार तीसरी बार सरकार
हरियाणा के चुनावी इतिहास में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जब किसी दल ने हैट्रिक लगाई हो। कोई भी दल लगातार तीसरी बार सरकार नहीं बना पाया। इस बार भाजपा ने रिकॉर्ड बना दिया।
वर्ष 2014 और 2019 में जीत के बाद 2024 के विधानसभा चुनाव में भी वह सरकार बनाने की स्थिति में है। हरियाणा की सियासत में बीते मार्च में तब बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
उसके बाद नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया और वे मुख्यमंत्री बने। सैनी के जरिए भाजपा ने पंजाबी और पिछड़ा वोट बैंक पर पकड़ मजबूत कर ली। वहीं, खट्टर को केंद्र में भेज दिया गया। भाजपा रणनीतिकारों का यह दांव जमीनी स्तर पर तेजी से काम कर गया।