Hazaribagh : हजारीबाग आतंकियों का स्लीपर सेल बन चुका है। अब तक हजारीबाग में आधे दर्जन से अधिक संदिग्ध गिरफ्तार हुए हैं। गुरुवार को जिस तरह से एक संदिग्ध फैजान अहमद गिरफ्तार हुआ है, इसे लेकर जांच प्रक्रिया और तेज हो गई है। एटीएस हजारीबाग में विशेष निगाह बनाए रखा हैं। आखिर फैजान अहमद है कौन यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। इसके साथ ही राजधानी रांची से गिरफ्तार इस सरगना के मास्टरमाइंट डॉ इश्तियाक से फैजान के कैसे जुड़े हैं तार। जाने अलकायदा से जुड़ने की पूरी कहानी न्यूज 22स्कोप की खास रिपोर्ट में…..
Hazaribagh : संदिग्ध फैजान अहमद मूल रूप से गया का रहने वाला है
फैजान अहमद मूल रूप से गया का रहने वाला है। इसके पिता अब्दुल रशीद इंजीनियर है और मां शिक्षिका है। दोनों रिटायर होने के बाद अपना घर मंडई में बनाया है और वही रहते हैं। लेकिन इनका बेटा संदिग्ध फैजान अहमद उनके साथ नहीं रहता है। वह किराए के मकान में आजाद नगर में रह रहा था। यह भी जानकारी है कि झील रोड में उन्होंने एक फ्लैट भी खरीदा है, जहां वो कभी कभार जाता भी था।
शुरू से ही वो अलग मानसिकता का था, इस कारण माता-पिता के साथ नहीं रहता था। वो डाइपर का होलसेल का काम करता था। हजारीबाग में अपना पहचान छुपा कर रह रहा था। हजारीबाग में उसे अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (एक्यूआईएस) के झारखंड मॉड्यूल के लिए आतंकियों की बहाली करवाने की जिम्मेदारी मिली थी। बताया जाता है कि इसके संपर्क में 50 से अधिक युवक थे, जो इसकी किराए के मकान में आया जाया करते थे। वही फैजान इन लोगों को जिहाद का पाठ पढ़ाता था।
मोहम्मद जलालुद्दीन को एटीएस ने पटना से गिरफ्तार किया
हजारीबाग के पेलावल थाना में पदस्थापित सेवानिवृत्त मोहम्मद जलालुद्दीन से इसके काफी अच्छे ताल्लुकात थे। मोहम्मद जलालुद्दीन हजारीबाग में सिपाही के पद में थे, बाद में इसका पदोन्नति होकर यह दरोगा बन गया। मोहम्मद जलालुद्दीन को एटीएस ने पटना से गिरफ्तार किया था। प्रतिबंधित आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़कर पटना के फुलवारीशरीफ में आतंक का पाठशाला चलाने के मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। मोहम्मद जलालुद्दीन राजधानी रांची, गोड्डा, गिरडीह और हजारीबाग जिला बल में कार्यरत था।
Hazaribagh : संदिग्ध फैजान अहमद लगातार संपर्क में था डॉ इश्तियाक
रांची से गिरफ्तार संदिग्ध डॉ इश्तियाक हर दिन दोपहर के 12:30 बजे से लेकर 3:30 बजे तक हजारीबाग स्थित आइडियल पैथोलॉजी में रांची से काम करने आते था। इसी संदिग्ध के नाम पर अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन भी था। 5 दिसंबर 2022 से वो रविवार को छोड़कर हर दिन हजारीबाग आ रहा था। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हजारीबाग से संदिग्ध फैजान अहमद से वो लगातार संपर्क में भी था।
राजधानी रांची के अल हसने अपार्टमेंट में डॉ इश्तियाक रहता था। डॉ इश्तियाक अलकायदा इन सब-कॉन्टिनेंट(XIUS) के लिए झारखंड में आतंकियों की बहाली करवाता था। डॉ इश्तियाक के संदिग्ध फैजान अहमद से काफी अच्छे संबंध रहे हैं। बताया जाता है कि डॉक्टर कई बार हजारीबाग में इनसे मुलाकात भी की है। उसने ही इसे हजारीबाग में अलकायदा में बहाली के मॉड्यूल शुरू करने को कहा था।
अब्दुल रहमान कटकी की गिरफ्तारी के बाद डॉ. इश्तियाक फिर शुरु किया था बहाली सिस्टम
बता दें कि अब्दुल रहमान कटकी की गिरफ्तारी के बाद डॉ. इश्तियाक ने झारखंड में अलकायदा के लिए बहाली सिस्टम को और एक बार फिर से दोबारा एक्टिव किया था। बताते चलें कि इसका मास्टरमाइंड डॉ. इश्तियाक जमशेदपुर का रहने वाला है। राजधानी रांची के बूटी में स्थित मेडिका अस्पताल में वह रेडियोलॉजी विभाग में करीब 3 सालों से काम करता था।
क्लिनिक आने के जरिए वह हजारीबाग में आतंकी मॉड्यूल पर काम भी कर रहा था, जिसकी भनक किसी को भी नहीं लग रही थी। वह अस्पताल में भी बिल्कुल शांत माहौल का था। बताया जाता है कि बेहद गोपनीय ढंग से हजारीबाग में सक्रिय भी था। हजारीबाग से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी फैजान अहमद उसे मदद भी कर रहा था।