रांची : जानवरों के संरक्षण के प्रति हाईकोर्ट गंभीर है. हाथी मौत मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में डॉक्टर रवि रंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के द्वारा जानवरों के संरक्षण पर कोई विजन नहीं होने पर कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या जानवरों के मामले में कोई विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है. आखिर क्यों जंगलों से जानवर गायब हो गए है. चीतल, ब्लु बुल जैसे कोई जानवर नही है. क्या पेड़ों को लगाने से पहले यह सर्वे किया गया था कि जो पेड़ लगाया जा रहा है, वहां के जानवरों के लिए अनुकूल है कि नहीं. दूसरे जगहों से जानवरों को लाकर यहां क्यों नही जंगलों में बसाया जा रहा है.
फीमेल बाघ और उनके बच्चों को लाकर यहां आबादी बढ़ाई जा सकती है. कोर्ट ने सरकार से पूछा की फॉरेस्ट विभाग के शीर्ष लोगों की संपत्ति की निगरानी जांच कराई जाए और उसकी रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए. सरकार के बार-बार आग्रह करने पर कोर्ट ने इससे संबंधित आदेश पारित नहीं किया, लेकिन सरकार से जंगलों और जानवरों को बचाने की एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. मामले में अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी.
रिपोर्ट : प्रोजेश
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