रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लीज आवंटन करने और मुखौटा कंपनियों में निवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट में
सुनवाई टल गई है. हाई कोर्ट में उक्त दोनों याचिका दाखिल करने वाले शिव शंकर शर्मा की ओर से
सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर अधिवक्ता बदलने की बात कही गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
अब इस मामले में 12 अगस्त को सुनवाई होगी.
बता दें कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें अदालत ने लीज और मुखौटा कंपनियों की जांच
स्व संबंधित याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए स्वीकार कर लिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को दी है चुनौती
झारखंड सरकार ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों से कथित रूप से संबंधित कंपनियों के संबंध में जनहित याचिका की स्थिरता पर झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है. तीन जून को झारखंड हाई कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन के लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश की जांच को लेकर दाखिल याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था. राज्य सरकार ने शेल कंपनी वाले मामले में और हेमंत सोरेन ने लीज आवंटित करने के मामले में दाखिल याचिका पर आपत्ति जताते हुए सुनवाई योग्य नहीं होने की बात कही थी.
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में की थी अहम टिप्पणी
हाई कोर्ट ने आपत्तियों को सिलसिलेवार तरीके से खारिज करते हुए कहा था कि झारखंड उच्च न्यायालय (जनहित याचिका) नियम, 2010 के नियम 4, 4-बी और 5 के अनुसार कुछ आवश्यकताओं का पालन नहीं किया गया है और तत्काल रिट याचिकाओं को अनुरक्षणीय नहीं माना जा सकता है. यह न्यायालय मामले के उपरोक्त पहलुओं पर विचार करने के बाद और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जो मुद्दा रिट याचिका का विषय है. चूंकि इसमें बड़े पैमाने पर जनता के धन की हेराफेरी करने का मुद्दा शामिल है, इसलिए यह न्यायालय रिट याचिका को उचित समझता है.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास
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