रांची: एचईसी प्रबंधन ने 1600 ठेकाकर्मियों को काम पर रखने से इनकार कर दिया है। कर्मचारियों की आपूर्ति करने वाली एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद प्रबंधन ने यह निर्णय लिया।
शुक्रवार को सैकड़ों कर्मचारी प्लांट के अंदर जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन गेट बंद कर दिया गया। इसके बाद एचईसी मजदूर जनसंघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और एचईसी प्रबंधन के बीच वार्ता हुई।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जिन सप्लाईकर्मियों को काम करने से रोका गया है, वे 25-30 वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं। अब प्रबंधन इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहा है, जो उचित नहीं है।
एक भी कर्मचारी बेरोजगार हुआ तो एचईसी के सभी प्लांट को पूरी तरह ठप करा देंगे। लेकिन, प्रबंधन ने ठेकाकर्मियों को काम करने के लिए अंदर ले जाने से साफ मना कर दिया।
इसके बाद एचईसी के डायरेक्टर पर्सनल मनोज लकड़ा के कार्यालय में तीनों प्लांट के प्रमुख, जीएम कार्मिक प्रशासन संगीता सिंह की मौजूदगी में सप्लाईकर्मियों की वार्ता हुई।
उन्होंने भी कहा कि सप्लाई कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया है, इस कारण ठेकाकर्मियों को रखने का कोई नियम नहीं है। नई कंपनी के चयन के लिए टेंडर निकाला गया है।
कंपनी का चयन होने के बाद कर्मचारियों को काम करने का मौका मिलेगा। अभी प्लांट के अंदर किसी भी हाल में एंट्री नहीं मिलेगी।
इससे नाराज जनसंघर्ष समिति के मनोज पाठक ने कहा कि ठेकाकर्मियों का आंदोलन पूर्व की तरह जारी रहेगा। इस दौरान एडीएम और एफएफपी बिल्डिंग और मुख्यालय को बंद रखा जाएगा।
ठेकाकर्मियों की समस्या का समाधान नहीं होता है, तो भेल से आए निदेशक और सभी अधिकारी को वापस जाना होगा।