रांची: हाईकोर्ट ने नगर निगम से पुछा है कि नक्शा के लिए कितने आवेदन आये और कितने पास हुए है। इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान के तहत दर्ज मामले मे सुनवाई की। जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए निगम से उक्त सवाल पुछा है और इसको लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को काहा है। वहीं खंडपीठ ने रांची नगर निगम के मौखिक जवाब पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब कर्मियों की कमी है, तो 6000 नवशा के आवेदन में से 5000 नक्शा कैसे पास हो गया, मौखिक नहीं लिखित में शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दायर किया जाये
आठ नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व एमीकस क्यूरी व प्रतिवादियों का पक्ष सुना, मौखिक रूप से बताया गया कि इस वर्ष दो अगस्त से लेकर अक्तूबर तक नक्शा के 6000 आवेदन आये. इसमें से 5000 आवेदन को स्वीकृति दी गयी है. रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव व आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पक्ष रखा,
क्या है मामला लोगों को भवन का नक्शा पास कराना एक जटिल प्रक्रिया बन गयी है, नक्शा स्वीकृति के निर्धारित शुल्क के अलावा अवैध राशि की मांग की जाती है. अवैध राशि नहीं देने पर नक्शा स्वीकृत नहीं कर लंबित रखा जाता है. छोटे मकान के लिए 30-50 हजार तथा अपार्टमेंट का नक्शा पास करने के लिए 20-30 रुपये प्रति वर्ग फीट राशि वसूली जाती थी.
खंडपीठ ने रांची नगर निगम को इंफोर्समेंट टीम के बारे में भी पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने कर दिया था.