-3.8 C
New York
Friday, January 24, 2025

Buy now

spot_img

महाकुंभ 2025 में सनातनियों के तैयार हिंदू आचार संहिता पर लगेगी मुहर

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में सनातनियों के तैयार हिंदू आचार संहिता पर लगेगी मुहर। महाकुंभ 2025 में काफी कुछ खास  हो रहा है और वह भी खासकर दूसरे अमृत स्नान को लेकर। बीते बुधवार को पूरे प्रदेश की सरकार महाकुंभ क्षेत्र पहुंचीं और संगम में पावन डुबकी लगने की सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भागी बनी।

अब गुरूवार को एक और नई जानकारी सामने आई है। इसी माह 28-29  जनवरी को मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान के बाद तैयार हुए सनातनियों के हिंदू आचार संहिता पर संतों की मुहर लगनी है और उसके बाद इसे देश और दुनिया के सनातनी हिंदुओं के यहां पहुंचाने काम होगा। यह हिंदू आचार संहिता वाराणसी में काशी  विद्वत परिषद ने तैयार किया है।

15 वर्षों के अध्ययन के बाद तैयार हुई हिंदू आचार संहिता…

इस बार महाकुंभ में पहली बार एक लाख सनातनियों में हिंदू आचार संहिता होगी। काशी के विद्वानों द्वारा तैयार आचार संहिता पर शंकराचार्य, रामानुजाचार्य और संतों की मुहर लगने के बाद इसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा। मौनी अमावस्या के बाद संत सम्मेलन में विहिप इसे सार्वजनिक करेगा। 15 वर्षों तक धर्मग्रंथों के अध्ययन के बाद काशी विद्वत परिषद की टीम ने इसे तैयार किया है।

कुल 300 पृष्ठों की आचार संहिता में हिंदू समाज की कुरीतियों के साथ ही विवाह की व्यवस्था पर भी विधान तय किया गया है। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि मनु, पाराशर और देवल स्मृति के बाद 351 वर्षों से हिंदू आचार संहिता का ना तो निर्माण हुआ और ना ही संशोधन।

गुरूवार को महाकुंभ में कोहरे के बीच संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं का दृश्य।
गुरूवार को महाकुंभ में कोहरे के बीच संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं का दृश्य।

विहिप के संत सम्मेलन में लोकार्पित होगी हिंदू आचार संहिता…

प्राप्त जानकारी के मुताबिक,विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन में इसे देश भर के संतों के सामने लोकार्पित किया जाएगा। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि 351 साल बाद हिंदू समाज के लिए आचार संहिता तैयार की गई है।  कुल 11 साल वैचारिक और 4 साल धर्मग्रंथों के अध्ययन के बाद काशी विद्वत परिषद के साथ मिलकर देशभर के विद्वानों की टीम ने इसको तैयार किया है।

अब 25 जनवरी से होने वाले संत सम्मेलन में शंकराचार्य, महामंडलेश्वर और संत इस पर अपनी अंतिम मुहर लगाकर हिंदू आचार संहिता को स्वीकार करने का आग्रह देश की जनता से करेंगे।  मौनी अमावस्या के बाद महाकुंभ में वितरण के लिए पहली बार एक लाख प्रतियां हिंदू आचार संहिता की छापी जाएंगी। इसके बाद देश में 11 हजार प्रतियों का वितरण किया जाएगा।

गुरूवार को महाकुंभ में संगम का दृश्य।
गुरूवार को महाकुंभ में संगम का दृश्य।

तैयार हिंदू आचार संहिता में विवाह में फिजूलखर्ची पर रोक पर विशेष

जा रहा है कि हिंदू आचार संहिता को कर्म और कर्तव्य प्रधान बनाया गया है। मनु स्मृति, पराशर स्मृति और देवल स्मृति को भी आधार बनाकर स्मृतियों के साथ ही भागवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों के प्रमुख अंशों को शामिल किया है। 70 विद्वानों की 11 टीम और तीन उप टीम बनाई गई थी। हर टीम में उत्तर और दक्षिण के 5-5 विद्वान थे।
महाकुंभ में गुरूवार को संगम का दृश्य।
महाकुंभ में गुरूवार को संगम का दृश्य।
40 बार की बैठक के बाद आचार संहिता का अंतिम स्वरूप तैयार किया गया। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि – ‘मनु, पाराशर और देवल स्मृति के बाद 351 वर्षों से हिंदू आचार संहिता का ना तो निर्माण हुआ और ना ही संशोधन। ….नई संहिता में मृतक भोज की संख्या को भी तय किया गया है।
…शादियों की फिजूलखर्ची को रोकने के साथ ही दिन में विवाह को वैदिक परंपरा के अनुसार करने का निर्देश दिया गया है। विवाह में कन्यादान के अलावा दहेज को पूरी तरह से निषेध करने की बात कही गई है’।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,780FollowersFollow
20,800SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles