गुजरात : गुजरात में Chandipura Virus ने दस्तक दे दी है। 9 दिनों मैं 12 बच्चे इससे संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 6 की जान जा चुकी है। इस वजह से देश की हेल्थ एजेंसियां अलर्ट हैं। आइए जानते हैं क्या है यह वायरस, कैसे इसका संक्रमण फैलता है और यह कितना खतरनाक है?
• क्या है चांदीपुरा वायरस ?
पहला केस 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुर में सामने आया था। मक्खी-मच्छर के काटने पर इसका संक्रमण होता है। इसमें मरीज को दिमागी बुखार (एन्सेफलाइटिस) हो जाता है। यह मुख्यतः 9 महीने से 14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है। महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र के कुछ क्षेत्र इससे प्रभावित हैं।
• Chandipura Virus के क्या लक्षण हैं?
संक्रमित होने पर मरीज को तेज बुखार होता है। इसमें फ्लू जैसे ही लक्षण होते हैं। इस वायरस से संक्रमित मरीजों में उल्टी, गर्दन में ऐंठन और सिरदर्द आम है।
•Chandipura Virus से बचाव के क्या तरीके हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से बचने के लिए प्रभावित इलाकों या जंगलों में नहीं जाना चाहिए। समय- समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए। लक्षण दिखते ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
• Chandipura Virus कितना खतरनाक है?
चिकित्सकों के अनुसार,चांदपुरा वायरस काफी खतरनाक होता है लेकिन इसका संक्रमण काफी दुर्लभ है इसके इलाज के लिए अभी तक एंटी वायरल दवा भी नहीं है। इस संक्रमण के कारण मृत्यु दर 75 प्रतिशत तक है। यह वायरस इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि यह सीधे दिमाग पर असर करता है।
Highlights