एसके राजीव
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेता अक्सर चुनावी प्रचारों में कहते है की ये मोदी की गारंटी है यानि मोदी ने खुद को अब नाम कम और ब्रांड ज्यादा बना लिया है। अगर वाकई में मोदी ब्रांड है तो उन्हें फिर बिहार बार बार आने की आवश्यकता मोदी को क्यू पड़ रही है।
बिहार हिंदी पट्टी के राज्यों में भाजपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है। बिहार पर भाजपा की नजर है यही एक ऐसा राज्य है जहां भाजपा अपने बलबूते कभी सरकार नहीं बना पाई है। हालांकि ये लोकसभा चुनाव है सवाल बिहार सरकार की नहीं है। फिर भी लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 की 40 सीटे जितने का लक्ष्य तो भाजपा हर हाल में पूरा करना चाहती है। ताकि इसका फायदा केंद्र की सरकार बनाने में मिल सके।
बिहार में लोकसभा चुनाव में विपक्ष यानी की महागठबंधन का अपना तर्क है और अपने दावे है। विपक्ष कहती है कि भाजपा बिहार में कोई कमाल नहीं कर पाएगी ये हवा का रूख महागठबंधन के पक्ष में है। ये तो परिणाम बताएगा कि मोदी को बार-बार बिहार आने का कितना फायदा होता है।
भाजपा कहती है कि पिछले 10 सालो में मोदी विकास का दूसरा नाम बन चूका है। शायद यही वजह है कि भाजपा देश में 400 पार के नारा गढ़ रही है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मोदी बिहार को साधने की कोशिश में जुटे है। उनको देख कर तो एही कहा जा सकता है कि बिहार में मोदी फैक्टर कहां और कितना चल पाएगा।
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