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Friday, March 29, 2024

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रोहतास में धर्मांतरण के लिए मानव तस्करी !

मुफ्त शिक्षा और भोजन का लालच देकर तस्करी का खुलासा, 8 आदिवासी लड़कियों को कराया गया मुक्त

रोहतास : जिले के पहाड़ी इलाके में कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए मानव तस्करी का मामला सामने आया है.

नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर दीक्षा भूमि ट्रेन से महाराष्ट्र के नागपुर ले जाने का

बड़ा मामला सामने आया. वहीं इस मामले को ह्यूमन ट्रैफिकिंग से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.

प्रलोभन देकर नागपुर ले जाने की थी तैयारी

बताया जाता है कि इन बच्चियों को मुफ्त शिक्षा और मुफ्त भोजन का लालच देकर नागपुर के

ईसाई मिशनरी में रखा जाना था. कथित रूप से धर्मांतरण की बात भी सामने आ रही है.

रोहतास थाना तथा तिलौथू इलाके में इन दिनों पहाड़ी इलाके के रहने वाले जनजाति के

लड़कियों को प्रलोभन देकर नागपुर ले जाने तथा धर्म परिवर्तन से जुड़ा मामला प्रकाश में आया है.

एनजीओ तथा चाइल्ड लाइन की मदद से ऐसे 8 आदिवासी लड़कियों को मुक्त कराया गया है.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिये जिसे नागपुर भेजने की कोशिश की जा रही थी.

धर्मांतरण के लिए मानव तस्करी: एक मकान से 8 लड़कियां बरामद

बता दें कि 12 सितंबर को डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने

एक नाबालिग लड़की का रेस्क्यू किया था. जिसकी निशानदेही पर महिलाओं के लिए

काम करने वाली एनजीओ ‘परिवर्तन विकास संस्था’ के सहयोग से जब रोहतास थाना क्षेत्र में

पिपराडीह गांव में दबिश दी गई, तो एक मकान के कमरे से 8 लड़कियां बरामद हुई.

जिसमें से दो झारखंड के गढ़वा जिले की रहने वाली है. जबकि अन्य लड़कियां कैमूर पहाड़ी के

हरैया, गोरियारी, नागा टोली, रेहल आदि गांव की है.

कैमूर पहाड़ी पर कई ईसाई मशीनरी सक्रिय

लड़कियों को बिचौलियों से बचाने वाली सविता डे ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षा देने के नाम पर

इन अनपढ़ बच्चियों को ले जाया जा रहा था.

बताया जाता है कि कैमूर पहाड़ी पर कई ईसाई मशीनरी यहां सक्रिय हैं

जो गरीब आदिवासी बच्चियों को निशाना बना रहे हैं एवं उसे दूसरे प्रांतों में ले जाकर

नौकरी दिलाने के नाम पर धर्म परिवर्तन तक करवा रही हैं. फिलहाल सभी बच्ची को पटना जिला के मोकामा चाइल्डलाइन को सौंपा गया है.

धर्मांतरण के लिए मानव तस्करी: रोहतास थाना में एफआईआर दर्ज

इस संबंध में रोहतास थाना में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. लेकिन फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है. वहीं चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी के लोग भी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. जबकि सूत्रों की माने तो इलाके से 50 से अधिक लड़कियों को अब तक नागपुर के अलावा अन्य जगहों पर भेजा जा चुका है. बड़ी बात है कि इस ह्यूमन ट्रैफिकिंग में धर्मांतरण का भी जुड़ा हुआ है.

रिपोर्ट: दयानंद

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